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राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार-2025 में राज्य ने लहराया परचम
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पुरस्कार के लिए राज्य की 19 परियोजनाएं चुनी गईं
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केंदुझर की सुआकाटी पंचायत को मिलेगा जूरी पुरस्कार
भुवनेश्वर। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय पुरस्कार-2025 में ओडिशा ने परचम लहराया है। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उत्कृष्टता को सम्मानित करने वाले राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष 19 परियोजनाएं और पहलें चुनी गई हैं, जिनमें से ओडिशा के केंदुझर जिले की सुआकाटी ग्राम पंचायत को जूरी पुरस्कार से नवाजा गया है।
सुआकाटी ग्राम पंचायत के साथ-साथ गुजरात की पलसाणा ग्राम पंचायत और उत्तर प्रदेश की ललितपुर नगर परिषद को भी जूरी पुरस्कार मिला है। इस वर्ष पहली बार ग्राम पंचायतों की श्रेणी को शामिल किया गया, जिससे नीचे स्तर तक डिजिटल सेवा वितरण के विस्तार को मान्यता मिली है।
प्रमुख स्वर्ण और रजत पुरस्कार विजेता
इस वर्ष 10 स्वर्ण और 6 रजत पुरस्कार दिए जाएंगे। इन प्रमुख परियोजनाओं में माइनिंग टेनेमेंट सिस्टम (भारतीय खान ब्यूरो), बहु-आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली (भारतीय मौसम विभाग), संपदा 2.0 (मध्यप्रदेश वाणिज्य कर विभाग), डिजी यात्रा (नागरिक उड्डयन मंत्रालय), भाषिणी (इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय), राष्ट्रीय पशु रोग विश्लेषण प्रणाली (आईसीएआर), क्वांटम सेफ वीपीएन (रक्षा मंत्रालय) तथा ड्रोन विश्लेषण प्रणाली, हाईवे प्रबंधन हेतु (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) शामिल हैं।
छह श्रेणियों में दिए जाएंगे पुरस्कार
- तकनीक के माध्यम से सरकारी प्रक्रिया में सुधार
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता व नई तकनीकों के जरिए नागरिक सेवाएं
- साइबर सुरक्षा में नवाचार
- जमीनी स्तर की पहल (जिला,नगरीय निकाय,ग्राम पंचायतें)
- सफल परियोजनाओं की पुनरावृत्ति और विस्तार
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आंकड़ा विश्लेषण का उपयोग
पुरस्कार राशि
स्वर्ण विजेताओं को 10 लाख और रजत विजेताओं को 5 लाख रुपये की राशि, ट्रॉफी व प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। यह राशि संबंधित जिले, संगठन या पंचायत को उनके प्रोजेक्ट या लोककल्याण के अन्य कार्यों के लिए दी जाएगी।
सम्मेलन में मिलेगा सम्मान
पुरस्कारों का वितरण 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दौरान किया जाएगा। यह जानकारी प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा साझा की गई।