भुवनेश्वर, लाल आतंक के खिलाफ पूरे देश में जहां सुरक्षाबलों का जोरदार आपरेशन जारी है वहीं ओडिशा पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को रायगढ़ा जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष कुख्यात माओवादी विजय पुनम उर्फ अजय ने आत्मसमर्पण कर दिया। वह प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की बीजीएन डिवीजन की घुमसर एरिया कमेटी का सदस्य था और उस पर ओडिशा सरकार ने ₹4 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
आत्मसमर्पण के दौरान विजय पुनम ने एक 9 मिमी पिस्तौल, आठ जिंदा कारतूस और एक वॉकी-टॉकी हैंडसेट पुलिस को सौंपा।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के हुसुर थाना क्षेत्र के निवासी पुनम ने 2009 में माओवादी संगठन में शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त किया और वरिष्ठ माओवादी नेता मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज की निजी सुरक्षा टीम में शामिल हुआ। 2014 में उसे एरिया कमेटी सदस्य (ACM) बनाया गया और वह 2023 तक मनोज का गनमैन बना रहा। इसके बाद उसे ओडिशा की बीजीएन डिवीजन में स्थानांतरित किया गया, जहां से वह 2024 की शुरुआत से घुमसर क्षेत्र में सक्रिय था।
विजय पुनम पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कई हिंसक घटनाओं में संलिप्त होने का संदेह है। इनमें मई 2024 में कंधमाल के बांदिपंगा गांव में एक नागरिक की हत्या और 2020 से 2024 के बीच कंधमाल व गरियाबंद जिलों में हुए कई पुलिस मुठभेड़ें शामिल हैं। जुलाई 2021 में गोछपाड़ा थाना क्षेत्र के कोडांग में हुई मुठभेड़, जिसमें दो एसओजी कमांडो घायल हुए थे, उसमें भी उसकी भूमिका रही है।
पुनम ने आत्मसमर्पण के पीछे कई कारण बताए, जिनमें माओवादी विचारधारा से मोहभंग, नेतृत्व की कठोरता, सुरक्षा बलों का दबाव, खराब जीवन स्थितियां, अपने मूल क्षेत्र से दूरी, भाषा की बाधाएं और स्थानीय जनसमर्थन की कमी शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि विजय पुनम ओडिशा सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अंतर्गत लाभान्वित होगा। यह नीति पूर्व माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए आर्थिक सहायता, आवास, शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।