Home / Odisha / 29 मई को पुरी से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’

29 मई को पुरी से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’

  • प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन, किसान और छात्र होंगे शामिल

भुवनेश्वर। कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण कृषि पहलों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत होने जा रही है। यह अभियान देशभर में 29 मई से 12 जून तक चलेगा और इसका शुभारंभ ओडिशा के ऐतिहासिक शहर पुरी से होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस अभियान का उद्घाटन संकट माध्यम से (ऑनलाइन माध्यम से) करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उप मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, उप मुख्यमंत्री प्रभाती परिडा, मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कृषि भवन में हुई तैयारी बैठक

इस अभियान की तैयारियों को लेकर कृषि भवन के सभागार में उप मुख्यमंत्री तथा कृषि, कृषक सशक्तिकरण एवं ऊर्जा मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रमुख सचिव डॉ अरविंद कुमार पाढ़ी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

डॉ पाढ़ी ने बताया कि 29 मई से शुरू होने वाले इस अभियान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यह अभियान साक्षीगोपाल स्थित बीरगोविंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र से शुरू किया जाएगा। यहां से कृषि रथ को भी रवाना किया जाएगा। इसके पश्चात सभी विशिष्ट अतिथि सीफा (केंद्रीय मीठा जल मत्स्य अनुसंधान संस्थान) के कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।

जगन्नाथ मंदिर और तिरंगा यात्रा में लेंगे भाग

कार्यक्रम में भाग लेने से पहले सभी अतिथि श्री जगन्नाथ मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करेंगे और इसके बाद तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे।

आम्र उत्सव और पौधरोपण भी होगा

इस अवसर पर केंद्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र में आयोजित आम्र उत्सव  और ओयूएटी (ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) के कार्यक्रम में भी सहभागिता होगी। सभी आयोजनों में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा।

इन सभी कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में छात्र और किसान शामिल होंगे, जिससे यह अभियान जनभागीदारी का सशक्त उदाहरण बनेगा।

तैयारी बैठक में कृषि निदेशक शुभम सक्सेना, ओयूएटी कुलपति डॉ प्रभात कुमार राउल, सीफा निदेशक, आईसीएआर, कृषि विज्ञान केंद्र, बागवानी अनुसंधान संस्थान, ओयूएटी के अधिष्ठाता तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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