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ओडिशा तट के पास बना निम्न दाब क्षेत्र

  • अगले 48 घंटों में प्रभाव और बढ़ने की आशंका

  • विशेष राहत आयुक्त ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए

भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी और उससे लगे पश्चिम-मध्य क्षेत्र में बने चक्रवातीय परिसंचरण के प्रभाव से ओडिशा तट के पास उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दाब क्षेत्र का निर्माण हुआ है। यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को दी और चेताया कि आगामी 48 घंटों में यह क्षेत्र और अधिक प्रभावशाली हो सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार, संबंधित चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से लगभग 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ यह दक्षिण की ओर झुका हुआ है। इस परिसंचरण के धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है।

मौसम विभाग ने पहले ही 27 मई के आसपास निम्न दाब क्षेत्र के बनने की भविष्यवाणी कर दी थी, जो अब सटीक सिद्ध हुई है।

इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए ओडिशा सरकार के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर सतर्कता बरतने और पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से उन जिलों के लिए यह निर्देश दिए गए हैं, जिनके लिए मौसम विभाग ने नारंगी और पीले रंग की चेतावनी जारी की है।

प्रशासनिक मशीनरी तैयार रखें

एसआरसी की सलाह में सभी जिलों में प्रशासनिक मशीनरी को पूरी तरह से तैयार रखने को कहा गया है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति का तुरंत सामना किया जा सके। इसके साथ ही आम जनता को मौसम की जानकारी पर नियमित रूप से ध्यान देने और गरज-चमक के साथ आने वाले तूफान के समय सुरक्षित स्थानों में शरण लेने की सलाह दी गई है, जिससे आकाशीय बिजली से बचा जा सके।

मछुआरों को विशेष रूप से निर्देश

मौसम को देखते हुए मछुआरों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि वे मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से लें और सभी सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करें। यह कदम मछली पकड़ने वाले समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

क्षति की रिपोर्ट तत्काल राज्य सरकार को भेजें

जिलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि कहीं भी आंधी, बवंडर, ओलावृष्टि, बिजली गिरने या अत्यधिक वर्षा से कोई क्षति होती है, तो उसकी रिपोर्ट तत्काल राज्य सरकार को भेजें। इससे सरकार स्थिति का मूल्यांकन कर सकेगी, समय पर राहत पहुंचा सकेगी और आवश्यकतानुसार कार्रवाई कर पाएगी।

 राज्य सरकार का मानना है कि तटीय क्षेत्रों में संभावित मौसमीय आपदा को देखते हुए सक्रिय और त्वरित प्रतिक्रिया से जनजीवन और संपत्ति की रक्षा की जा सकती है। प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।

इस समय ओडिशा के अधिकांश जिलों में नागरिकों और प्रशासन को सतर्कता के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। प्राकृतिक आपदाओं की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह परामर्श जारी किया गया है ताकि जनहित की रक्षा हो सके।

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