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महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर तैयारियां हुईं तेज

  • अनुष्ठानों का विस्तृत कार्यक्रम और समय हुआ तय

  • श्रीमंदिर प्रबंधन समिति ने छत्तीस नियोग के कार्यक्रम को औपचारिक मंजूरी दी

  • 11 जून को देवस्नान पूर्णिमा व हाथी वेष और रथयात्रा 27 जून को

पुरी। श्रीजगन्नाथ रथयात्रा 2025 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में सोमवार को पुरी गजपति राजा दिव्यसिंह देब की अध्यक्षता में श्रीमंदिर प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस वर्ष रथयात्रा के सभी प्रमुख अनुष्ठानों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘छत्तीस नियोग’ की बैठक में तय किए गए कार्यक्रम को समिति ने औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस वर्ष भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य रथयात्रा का आयोजन 27 जून को होगा।

अनुष्ठानों की शुरुआत 27 जून की सुबह 6 बजे मंगला आरती से होगी। इसके बाद रथ प्रतिष्ठा के अनुष्ठान 9 बजे तक पूर्ण कर लिए जाएंगे।

‘पहंडी बीजे’, जिसमें भगवानों को रथ तक ले जाया जाता है, का शुभारंभ सुबह 9:30 बजे होगा और इसे दोपहर 12:30 बजे तक संपन्न किया जाएगा।

इसके पश्चात गजपति राजा द्वारा रथों पर स्वर्ण झाड़ू लगाने की पारंपरिक रस्म ‘छेरा पहरा’ का आयोजन दोपहर 2:30 बजे से 3 बजे के बीच किया जाएगा। इसके तुरंत बाद शाम 4 बजे से रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू होगी।

बैठक में यह भी तय किया गया कि 11 जून को देवस्नान पूर्णिमा के अवसर पर विशेष अनुष्ठानों का आयोजन होगा। उसी दिन शाम 4:30 बजे भगवानों का हाथी वेष (गजरूप श्रृंगार) भी किया जाएगा, जो भक्तों में अत्यंत लोकप्रिय है।

‘बाहुड़ा यात्रा’, यानी वापसी की रथयात्रा के दिन भी रथ खींचने की प्रक्रिया शाम 4 बजे से आरंभ होगी।

श्रीजगन्नाथ रथयात्रा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह आयोजन सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यटन के स्तर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसे सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा बेहद सूक्ष्म और चरणबद्ध योजना बनाई जा रही है, ताकि लाखों श्रद्धालु सुरक्षित और श्रद्धा के साथ इस पर्व का अनुभव कर सकें।

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