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सौरव गांगुली के भाई और भाभी की बोट समुद्र में पलटी, डूबने से बचे

  • निजी लाइफगार्ड्स ने बचाई सभी चार लोगों की जान

  • पुरी में समुद्र में जलक्रीड़ा का आनंद लेते समय हुआ बड़ा हादसा

पुरी। पुरी के समुद्र में जलक्रीड़ा का आनंद लेते समय भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली और उनकी पत्नी अर्पिता की ‘स्पीडबोट’ पलट गई, लेकिन दोनों डूबने से बाल-बाल बच गए।

बताया जाता है कि ओडिशा के प्रसिद्ध पुरी समुद्र तट से पर्यटकों को ले जा रही एक स्पीडबोट समुद्र के गहरे पानी में पलट गई। इसी स्पीडबोट में स्नेहाशीष गांगुली और उनकी पत्नी अर्पिता गांगुली भी सवार थे।

समुद्र में थी तेज लहरें

यह हादसा होटल सोनार बंगला के सामने स्थित समुद्र तट के पास लाइटहाउस क्षेत्र के नजदीक हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, स्पीडबोट समुद्र के भीतर तेज लहरों के बीच चल रही थी, तभी अचानक असंतुलित होकर पलट गई। कुछ क्षणों के लिए सभी यात्री पानी में डूब गए और घबराहट में फंस गए।

निजी लाइफगार्ड्स की तत्परता से बचे सभी

हालांकि, मौके पर तैनात निजी लाइफगार्ड्स की तत्परता और साहसिक हस्तक्षेप से चारों यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। राहत की बात यह रही कि किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन सभी यात्रियों में घटना के बाद स्पष्ट रूप से डर और सदमा देखा गया।

स्पीडबोट ऑपरेटर पर लापरवाही के आरोप

हादसे के बाद स्थानीय पर्यटकों और चश्मदीदों ने स्पीडबोट ऑपरेटर पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि यह बोट एक निजी एडवेंचर कंपनी द्वारा संचालित की जा रही थी, जिसके स्टाफ को समुद्र की तेज लहरों से निपटने का आवश्यक प्रशिक्षण नहीं था।

वोटिंग के लिए नहीं ली गई है अनुमति

इसके अलावा, यह भी आरोप है कि कंपनी ने पुरी जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लिये बिना ही ऐसी जोखिमपूर्ण गतिविधियां शुरू कर दी थीं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय, जैसे कि प्रशिक्षित स्टाफ, पर्याप्त लाइफ जैकेट और आपातकालीन मदद, की व्यवस्था अधूरी थी।

अर्पिता ने व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल

एक वीडियो संदेश में अर्पिता ने कहा कि भगवान की कृपा से हम बच गए। मैं अभी भी सदमे में हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए और समुद्र में जलक्रीड़ा की व्यवस्था सही तरीके से की जानी चाहिए। मैं कोलकाता लौटने के बाद पुरी के पुलिस अधीक्षक और ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगी। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि ‘लाइफगार्ड’ द्वारा तुरंत कार्रवाई करने से हमारी जान बच गई।

प्रशासन ने शुरू की जांच

पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वाईं ने कहा कि हमने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। स्वाईं के इस बयान के बाद संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में संबंधित कंपनी और ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि इस घटना ने समुद्र तट पर चल रही वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों की सुरक्षा और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पर्यटकों की जान जोखिम में डालने वाली इस लापरवाही पर अब निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई की दिशा पर टिकी हैं।

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