Home / Odisha / ओडिशा में खुलेंगे 20 नए साइबर क्राइम थाने

ओडिशा में खुलेंगे 20 नए साइबर क्राइम थाने

  • साइबर अपराध पर सख्ती से कार्रवाई की तैयारी

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने साइबर अपराधों और आर्थिक अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य भर में 20 नए साइबर क्राइम और आर्थिक अपराध पुलिस थानों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी राज्य के पुलिस महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया ने सोमवार को दी।

डीजीपी खुरानिया भुवनेश्वर स्थित साइबर कॉम्प्लेक्स में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला “साइबर क्राइम जांच और साइबर इंटेलिजेंस” के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि ये विशेष थाने ऑनलाइन धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, वित्तीय घोटाले और डिजिटल शोषण जैसे मामलों में अपराधियों का पता लगाने, उन्हें रोकने और शीघ्र कार्रवाई करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

साइबर कमांड सेंटर भी बनेगा

डीजीपी ने यह भी जानकारी दी कि ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर में ओडिशा साइबर कमांड सेंटर की स्थापना को भी स्वीकृति दे दी है। यह सेंटर साइबर इंटेलिजेंस एकत्र करने, अपराधियों की पहचान करने और पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान करने का केंद्रीय मंच होगा। उन्होंने कहा कि यह अदृश्य अपराधियों के खिलाफ हमारी लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा और राज्य के साइबर ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पूरे राज्य में चलेगा प्रशिक्षण अभियान

राज्य अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला के साथ ही पूरे ओडिशा में साइबर क्राइम जांच क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत हो गई है। आने वाले दिनों में रेंज और जिला स्तर पर भी कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें कांस्टेबल से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक सभी रैंक के पुलिसकर्मी भाग लेंगे। इसका उद्देश्य पुलिस बल की साइबर अपराध से निपटने की समझ और जांच दक्षता को मजबूत करना है।

खुरानिया ने कहा कि तकनीक तेजी से बदल रही है और इसी के साथ अपराध के तरीके भी। ऐसे में हमारी पुलिस को निरंतर अपनी तकनीकी और जांच क्षमताओं को अपडेट करना जरूरी है ताकि नागरिकों को नए जमाने के अपराधों से सुरक्षित रखा जा सके।

साइबर अपराधों में हो रही है तेजी

हाल के दिनों में ओडिशा में ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट, वित्तीय घोटाले और सोशल मीडिया के ज़रिए शोषण जैसे मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। इसके जवाब में राज्य पुलिस न केवल तकनीकी क्षमता को बढ़ा रही है, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चला रही है।

इस कार्यशाला में जाने-माने साइबर विशेषज्ञ डॉ. रक्षित टंडन ने पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में सीआईडी, सीबी के डीजी विनयतोष मिश्र ने स्वागत भाषण दिया, आईजी डॉ सार्थक षाड़ंगी ने आयोजन की रूपरेखा तैयार की और डीआईजी (एसटीएफ) पिनाक मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

डीजीपी खुरानिया ने अंत में अधिकारियों से अपील की कि वे इस प्रशिक्षण से मिली सीख को जमीनी कार्रवाई में बदलें और राज्य को डिजिटल युग के अपराधों से बचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करें।

Share this news

About desk

Check Also

भारतीय ज्ञान परंपरा का एआई मॉडलिंग होना आवश्यक – धर्मेंद्र प्रधान

 इंडियन काउंसिल ऑफ फिलॉसफिकल रिसर्च का नया लोगो का विमोचन भुवनेश्वर। भारतीय ज्ञान परंपरा की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *