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रथयात्रा की तैयारी को लेकर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में तय हुआ निर्णय
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ओडिशा सरकार जल्द शुरू करेगी पक्रिया
भुवनेश्वर। पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर से जुड़े शब्दों और लोगो (चिह्नों) का पेटेंट कराया जाएगा। पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव की अध्यक्षता में रथयात्रा की तैयारी को लेकर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक डा अरविंद पाढ़ी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 12वीं सदी के इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी विशिष्ट पहचान को संरक्षित करने के उद्देश्य से ‘महाप्रसाद’, ‘श्रीमंदिर’, ‘श्री जगन्नाथ’ तथा अन्य धार्मिक शब्दों और प्रतीकों का पेटेंट लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ‘जगन्नाथ धाम’ को लेकर दीघा में उत्पन्न विवाद पर ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार आपसी स्तर पर चर्चा कर समाधान निकालेंगी।
बैठक में ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। इसके अलावा एसजेटीए के पदेन सदस्य भी शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष रथयात्रा के लिए प्रत्येक रथ पर एक अलग ‘पहंडी दल’ का गठन किया जाएगा। इसके लिए सेवकों की संख्या का निर्धारण एसजेटीए, पुरी कलेक्टर, छत्तीस नियोग और अन्य संबंधित पक्षों की अगली बैठक में किया जाएगा।
रथयात्रा और उससे जुड़ी अन्य नीतियों व व्यवस्थाओं, स्नान यात्रा, घोष यात्रा और बाहुड़ा यात्रा पर भी विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि रथों पर गैर-सेवकों की उपस्थिति वर्जित होगी और यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, रथों पर मोबाइल फोन ले जाना भी अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।
श्री गुंडिचा मंदिर के आसपास स्थित इमारतों की ऊंचाई को लेकर भी चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि मंदिर को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने के लिए इन इमारतों की ऊंचाई पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा।