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परियोजना की व्यवहारिकता पर होगा फैसला
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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी करेंगे अध्यक्षता
भुवनेश्वर। ओडिशा की बहुप्रतीक्षित भुवनेश्वर मेट्रो रेल परियोजना को लेकर जल्द ही एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। राज्य सरकार इसके लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाने जा रही है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी स्वयं करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह बैठक बहुत जल्द आयोजित की जाएगी, जिसमें मेट्रो परियोजना की व्यवहारिकता, जनहित, दीर्घकालिक उपयोगिता और आर्थिक लाभ जैसे पहलुओं पर गंभीर मंथन होगा।
तीसरी बार होगी उच्चस्तरीय चर्चा
यह मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मेट्रो परियोजना पर होने वाली तीसरी उच्चस्तरीय बैठक होगी। पूर्व में हुई दो बैठकों में प्रमुख विभागों के सचिवों और हितधारकों ने मेट्रो नेटवर्क की रूपरेखा और उसकी रणनीतिक आवश्यकता पर चर्चा की थी, विशेषकर कटक और भुवनेश्वर जैसे शहरों में, जो आजकल भारी ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे हैं।
परियोजना को व्यवहारिक बनाने पर जोर
बैठक का प्रमुख उद्देश्य यह होगा कि मेट्रो को किस तरह से एक व्यावहारिक, टिकाऊ और आम जनता के लिए सुलभ परिवहन साधन बनाया जा सकता है। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि इस परियोजना से शहरी विकास, यातायात प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
डीपीआर की तैयारी बैठक के बाद शुरू होगी
शहरी विकास और आवास मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्र ने बताया कि इस बैठक के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का कार्य शुरू किया जाएगा। डीपीआर में तकनीकी विवरण, रूट प्लान, फंडिंग मॉडल, पर्यावरण मूल्यांकन और परियोजना के कार्यान्वयन की समय-सीमा जैसी तमाम जानकारियाँ शामिल होंगी। यह दस्तावेज़ मेट्रो परियोजना के क्रियान्वयन की नींव बनेगा।
त्रिशूलिया से भुवनेश्वर के बीच मेट्रो रूट की व्यवहारिकता पर उठे सवाल
हालांकि, सूत्रों के अनुसार त्रिशूलिया से भुवनेश्वर तक प्रस्तावित मेट्रो रूट की व्यवहारिकता को लेकर अब सवाल खड़े हो गए हैं। संभवतः यही कारण है कि इस परियोजना की समीक्षा के लिए यह विशेष बैठक बुलाई जा रही है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व में दो बार इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन अंतिम निर्णय इस बार की बैठक के बाद ही लिया जाएगा।
तेज, स्वच्छ और भरोसेमंद यात्रा का विकल्प की उम्मीदें
यदि यह परियोजना साकार होती है, तो यह ओडिशा में सार्वजनिक परिवहन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा। यह तेज, स्वच्छ और भरोसेमंद यात्रा का विकल्प प्रदान करेगी, जिससे न केवल शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश की आधारभूत संरचना भी आधुनिक होगी। मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप और नेतृत्व से यह उम्मीद जताई जा रही है कि ओडिशा में मेट्रो रेल का सपना अब जल्द ही हकीकत बन सकता है।