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बांग्लादेशी मुद्दे पर भड़का सियासी घमासान

  • सुलोचना दास के बयान से भड़का जनाक्रोश

  • भुवनेश्वर में मेयर के खिलाफ प्रदर्शन तेज

  • बीजद पर वोट बैंक के लिए बांग्लादेशियों को शरण देने का भाजपा का आरोप

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाले जाने को लेकर मेयर सुलोचना दास के बयान से सियासत गरमा गई है। वरिष्ठ भाजपा नेता जय नारायण मिश्र ने बीजद पर आरोप लगाया है कि पार्टी ने वोट बैंक के लिए बांग्लादेशियों को पहचान पत्र दिला कर राज्य में बसाया है। इस बीच, सुलोचना दास के समर्थनात्मक बयान से नाराज स्थानीय नागरिकों ने लगातार दूसरे दिन काले झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

शुक्रवार को जब वह नयापल्ली स्थित वार्ड संख्या-39 के नवनिर्मित कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचीं, तब उन्हें स्थानीय नागरिकों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा।

काले झंडों और नारों के साथ हुआ विरोध

मेयर के कार्यक्रम में पहुंचते ही कई स्थानीय लोग हाथों में काले झंडे और तख्तियाँ लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। तख्तियों पर मेयर के कथित बांग्लादेशी प्रेम के खिलाफ नारे लिखे गए थे। विरोध कर रहे युवाओं का कहना था कि सुलोचना दास ने ऐसे लोगों के समर्थन में बयान दिया है, जो राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं।

बांग्लादेशियों के प्रति मेयर का प्रेम अस्वीकार्य

एक विरोध कर रहे युवक ने कहा कि भुवनेश्वर में बांग्लादेशी और रोहिंग्या कौन बसा रहा है? यदि विदेशी नागरिकों को हमारी सुविधाओं में हिस्सा मिलेगा, तो स्थानीय लोगों का क्या होगा? मेयर उन लोगों के समर्थन में खड़ी हैं, जो यहाँ के मूल निवासियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भुवनेश्वर के लोगों ने उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए चुना था, लेकिन जब तक वे अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं माँगतीं, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।

वार्ड-14 में भी हुआ था विरोध

यह विवाद मेयर सुलोचना दास के उस हालिया बयान के बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने राजधानी भुवनेश्वर में कथित रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के समर्थन में बात की थी। इस बयान के खिलाफ गुरुवार को भी नीलाद्रि विहार स्थित वार्ड-14 कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ था, जहाँ स्थानीयों ने काले झंडे दिखाकर नाराज़गी जताई थी।

प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया कि जब कई योग्य स्थानीय निवासियों को आज तक मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड नहीं मिले, तब बीजद सरकार के दौरान इन बांग्लादेशियों को ये कार्ड कैसे जारी कर दिए गए?

सरकारी निर्देशों को मानने की बात कह चुकी हैं मेयर

इस मुद्दे पर उठते विवादों के बीच मेयर सुलोचना दास ने पहले ही यह कह दिया था कि वह सरकार के निर्देशों का पालन करेंगी। हालांकि शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की।

बीजद पर भाजपा का गंभीर आरोप

मेयर और बीजू जनता दल (बीजद) की नेता सुलोचना दास द्वारा बांग्लादेशी अप्रवासियों के प्रति सहानुभूति जताने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को बीजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बांग्लादेशियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

बांग्लादेशियों को पहचान पत्र दिलवाने में बीजद ने की मदद – जय नारायण

भाजपा के वरिष्ठ नेता जय नारायण मिश्र ने दावा किया कि बीजद ने ओडिशा में बांग्लादेशियों को पहचान पत्र दिलवाने में मदद की है, ताकि उन्हें राज्य में बसाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को आधार कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज दिलवाकर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलवाया गया। मिश्रा ने कहा कि यह वही तरीका है जैसा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा अपनाया गया, जहां बांग्लादेशियों को मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड तक मुहैया कराए गए।

भाजपा का सीधा हमला

जय नारायण मिश्र ने कहा कि यह सब वोट बैंक की राजनीति है। बीजद ने पिछले 24 वर्षों में कई विधानसभा क्षेत्रों में अपनी जीत आसान बनाने के लिए इन बांग्लादेशियों का इस्तेमाल किया है। धर्मशाला में किसी को तीन दिन से ज़्यादा ठहरने की अनुमति नहीं होती, लेकिन ये लोग वर्षों से बसाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम जैसे मूल निवासियों की सुरक्षा खतरे में है। बीजद इन बांग्लादेशियों का आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल कर रही है।

बीजद ने आरोपों को खारिज किया

भाजपा के इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजद के कार्यकारी सदस्य गणेश्वर बेहरा ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों के प्रति असंवेदनशील है और बांग्लादेशी अप्रवासियों के मुद्दे को मानवता के दृष्टिकोण से देखने के बजाय राजनीति से जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस ने कभी वोट बैंक की राजनीति नहीं की? केवल बीजद को निशाना बनाना हास्यास्पद है।

केंद्र सरकार के निर्देश और स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई

केंद्र सरकार के हालिया निर्देशों के बाद ओडिशा प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। बालेश्वर जिले के बलरामगड़ी और मिर्जापुर क्षेत्रों में वर्षों से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं। ज़िला प्रशासन और पुलिस द्वारा पहचान पत्रों की जाँच, भाषा परीक्षण और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है। बालेश्वर के अतिरिक्त जिलाधिकारी के अनुसार, अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और उन्हें कानून के अनुसार कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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