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जाजपुर में 1.15 लाख करोड़ की 24 औद्योगिक परियोजनाओं का शुभारंभ

  • 36,000 से अधिक रोज़गार अवसरों का मार्ग प्रशस्त

  • 20,000 से अधिक लोगों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने जाजपुर को दिया सौगात

  • ओडिशा को आत्मनिर्भर औद्योगिक राज्य बनाने की दिशा में ऐतिहासिक क़दम

जाजपुर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को जाजपुर ज़िले में 1,15,000 करोड़ की लागत वाली 24 औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से 36,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है, जिससे ओडिशा को देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और निर्णायक क़दम माना जा रहा है।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री सम्पद चंद्र स्वाइन, वस्त्र, हथकरघा एवं हस्तशिल्प मंत्री प्रदीप बलसामंत, जाजपुर सांसद रवीन्द्र नारायण बेहरा, अनेक औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस भव्य समारोह को देखने के लिए 20,000 से अधिक लोग जुटे।

परियोजनाएं मुख्य रूप से कालिंगा नगर, दानागड़ी और बड़चना क्षेत्रों में स्थापित की जा रही हैं। ये परियोजनाएं इस्पात, फेरो एलॉय, रसायन, सौर ऊर्जा, अग्निरोधी सामग्री, मोटर यंत्रांश, भंडारण एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे विविध क्षेत्रों को समाहित करती हैं।

प्रमुख परियोजनाएं और रोजगार सृजन

  • टाटा स्टील लिमिटेड का 5 मिलियन टन प्रति वर्ष का इस्पात संयंत्र विस्तार (47,599 करोड़ रुपये, 4,625 रोजगार)।
  • नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का 61,769 करोड़ की लागत से इस्पात संयंत्र विस्तार (14,000 रोज़गार)।
  • जेएसएल समूह की पेट्रोलियम व सौर ऊर्जा परियोजना (470 करोड़)।
  • अबिस एक्सपोर्ट्स इंडिया प्रा लि की मुर्गी चारा इकाई (850 रोज़गार)।

विदेशी निवेशकों भी आए

  • जापान की टीवाईके सेरामिक्स इंडिया – 57 करोड़ की उच्च गुणवत्ता अग्निरोधी सामग्री इकाई।
  • जर्मनी की आल्मामेट इंडिया – 50.6 करोड़ की विशेष रसायन इकाई।
  • अमेरिका की निओ इंडस्ट्रीज़ मेटल प्रोसेसिंग – 72 करोड़ की क्रोम प्लेटिंग व इस्पात फिनिशिंग इकाई।
  • ब्रिटेन की कोरवायर सरफेस टेक्नोलॉजी – 50.1 करोड़ की स्टील रोल पुनर्निर्माण इकाई।
  • जर्मनी की लेच्लर इंडिया – 1.5 करोड़ की सटीक नोजल निर्माण इकाई।

उत्कर्ष ओडिशा के बाद की सबसे बड़ी उपलब्धि

इस अवसर को “उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा सम्मेलन 2025” के बाद की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है, जिसमें महज 113 दिनों के भीतर निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा गया।

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