-
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में एक सहायक परियोजना निदेशक भी शामिल
-
मनरेगा के तहत विभिन्न गांवों में स्वीकृत 23 कृषि तालाबों की खुदाई नहीं
-
आरोपियों ने संबंधित राशि सरकारी खजाने से निकाली
भुवनेश्वर। ओडिशा सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 20 लाख रुपये से अधिक की सरकारी धनराशि की हेराफेरी के मामले में शुक्रवार को चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में एक सहायक परियोजना निदेशक भी शामिल हैं।
यह कार्रवाई काशीपुर ब्लॉक, जिला रायगड़ा में कृषि तालाबों की खुदाई किए बिना सरकारी धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की शिकायतों के बाद की गई। सतर्कता विभाग द्वारा प्रारंभिक जांच में पाया गया कि विभिन्न गांवों में स्वीकृत 23 कृषि तालाबों की खुदाई नहीं की गई, जबकि संबंधित राशि सरकारी खजाने से निकाली जा चुकी थी।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में राजेंद्र नाथ नायक, सहायक परियोजना निदेशक सह परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी (क्लास-I), जोगेन्द्र खोसला, मृदा संरक्षण ओवरसियर,दीपक कुमार साहू, मृदा संरक्षण ओवरसियर, कुमार नायक, मृदा संरक्षण विस्तार कार्यकर्ता शामिल हैं। ये सभी अधिकारी प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वॉटरशेड, रायगड़ा कार्यालय से जुड़े हुए हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने फर्जीवाड़ा कर मनरेगा के जॉब कार्ड धारकों के खातों में सरकारी धन ट्रांसफर किया और फिर उसे निकाल लिया, जबकि कोई कार्य स्थल पर नहीं हुआ। अब तक 20 लाख रुपये से अधिक की राशि की हेराफेरी की पुष्टि हो चुकी है और यह आंकड़ा जांच के साथ और बढ़ सकता है।
गौरतलब है कि संबंधित तालाब काशीपुर ब्लॉक के दूरस्थ और वन क्षेत्रों में स्थित हैं, जिससे सत्यापन कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं। सतर्कता विभाग ने बताया कि क्षेत्रीय स्तर पर जारी जांच में और भी गड़बड़ियों का खुलासा हो सकता है।
इस मामले में कोरापुट सतर्कता थाना कांड संख्या 20, दिनांक 21.05.2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों को आज हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच जारी है।