Home / Odisha / ओडिशा में पंचायती उपचुनाव मानसून के कारण स्थगित

ओडिशा में पंचायती उपचुनाव मानसून के कारण स्थगित

  • राज्य निर्वाचन आयोग ने नई तिथि की घोषणा मानसून के बाद करने का निर्णय लिया

भुवनेश्वर। ओडिशा में प्रस्तावित पंचायती उपचुनावों को आगामी मानसून के मद्देनजर फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने यह घोषणा की। पहले यह उपचुनाव 23 जून को कराए जाने थे, लेकिन संभावित भारी वर्षा और तूफान को देखते हुए अब इन्हें स्थगित कर दिया गया है।

1,131 पदों के लिए होने थे उपचुनाव

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव संतोष कुमार दाश ने बताया कि इन उपचुनावों के जरिए राज्य के विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में रिक्त हुए 1,131 पदों को भरा जाना था। इनमें 1,043 वार्ड सदस्य, 40 पंचायत समिति सदस्य, 43 सरपंच और 5 ज़िला परिषद सदस्यों के पद शामिल थे।

स्थगन के पीछे क्या है कारण

सचिव ने बताया कि अधिसूचना जारी होने के कुछ ही घंटों के भीतर कई जिलों के अधिकारियों और संभावित उम्मीदवारों से प्रतिक्रिया मिली कि इस वर्ष मानसून जल्दी आने की संभावना है। जून में भारी बारिश और तूफानों की चेतावनी दी गई है। उन्होंने अनुरोध किया कि चुनाव की तारीख पर पुनर्विचार किया जाए।

इसके बाद भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) से संभावित मौसम की पुष्टि मिलने के बाद आयोग ने चुनाव कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया।

नामांकन की प्रक्रिया भी स्थगित

गौरतलब है कि नामांकन की प्रक्रिया 26 मई से शुरू होकर 31 मई तक चलने वाली थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया भी स्थगित कर दी गई है और नई तारीखों की घोषणा मानसून की स्थिति सामान्य होने के बाद की जाएगी।

उपयुक्त समय पर होगी नई तारीख की घोषणा

सचिव दाश ने कहा कि जैसे ही राज्य में मौसम अनुकूल होगा और मानसून की स्थिति सामान्य हो जाएगी, वैसे ही आयोग उपयुक्त समय पर नई चुनाव तिथियों की घोषणा करेगा। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुचारु रूप से हो।

राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि यह उपचुनाव विभिन्न कारणों, जैसे मृत्यु, इस्तीफा, अयोग्यता या आरक्षित सीटों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार न मिलने के कारण उत्पन्न रिक्तियों को भरने के लिए कराए जा रहे हैं।

Share this news

About desk

Check Also

मुख्यमंत्री ने केन्दुझर के लिए धान खरीद व्यवस्था का किया शुभारंभ

    कहा-धान इनपुट सहायता से किसानों का मनोबल बढ़ा     खेती के प्रति …