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उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया संकेत
भुवनेश्वर। कई वर्षों से रुके और विवादों में फंसे ओडिशा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव इस वर्ष दशहरा छुट्टियों के बाद हो सकते हैं। उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने पत्रकारों से बातचीत में यह संकेत दिया कि छात्र संघ चुनाव जल्द ही आयोजित किए जाने की योजना है। इस खबर ने राज्य भर के हजारों कॉलेज छात्रों में लोकतांत्रिक मंच के पुनरुद्धार की उम्मीद जगा दी है।
मंत्री सूरज ने कहा कि सरकार इस बार छात्र संघ चुनाव पुनः शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हम फिलहाल +3 कोर्सों के प्रवेश प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की योजना बना रहे हैं ताकि पढ़ाई में व्यवधान के बिना चुनाव कराए जा सकें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने भी छात्र संघ चुनावों के पुनरुद्धार के प्रति सकारात्मक रुख व्यक्त किया है और उच्च शिक्षा विभाग भी इस उत्साह को साझा करता है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव ऐसे तरीके से होंगे जिससे छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
शैक्षणिक वर्ष की योजना के अनुसार, विभाग यह सुनिश्चित करने में लगा है कि प्रवेश प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाए तथा पाठ्यक्रम दशहरा अवकाश से पहले समाप्त हो जाए, ताकि छुट्टियों के बाद ही चुनाव कराने में कोई बाधा न आए। इसके लिए शैक्षणिक कैलेंडर और योजना में समन्वय किया जा रहा है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो और पढ़ाई पर असर न पड़े।
आगामी हफ्तों में औपचारिक रूप से घोषणा संभव
अंतिम निर्णय उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आगामी हफ्तों में औपचारिक रूप से घोषित किया जाएगा। दशहरा अवकाश के बाद चुनावों के आयोजन की योजना से राज्य के शैक्षणिक माहौल में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है। यह कदम छात्रों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पुनर्जीवित करेगा।
छात्र संघ चुनाव स्थगित रहना एक बड़ा मुद्दा
छात्र संघ चुनावों का लंबे समय से स्थगित रहना ओडिशा के शैक्षणिक संस्थानों में एक बड़ा मुद्दा रहा है। पिछले कई वर्षों में छात्रसंघ चुनावों में राजनीतिक हस्तक्षेप, हिंसा और प्रशासनिक कारणों से ये चुनाव बंद पड़े थे। इसके चलते छात्र संगठनों और युवाओं के बीच लोकतांत्रिक नेतृत्व और भागीदारी का अभाव महसूस किया गया। छात्र नेताओं और युवाओं ने बार-बार कॉलेजों में छात्र संघ चुनावों की वापसी की मांग की है, क्योंकि चुनावों से छात्रों में नेतृत्व क्षमता, जिम्मेदारी और समाज में सक्रिय भागीदारी का विकास होता है। यदि चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं, तो यह शैक्षणिक संस्थानों में लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने तथा छात्रों को अपनी बात रखने का अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
भाजपा ने बीजद पर निशाना साधा
ओडिशा भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष अभिलाष पंडा ने कहा कि हमारे पार्टी के घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से छात्र संघ चुनाव कराने का वादा था। पिछली बीजद सरकार ने छात्र संघ चुनाव को रोकने की साजिश की थी, जिसे हमने बेनकाब किया। छात्र संघ ने भी भाजपा को समर्थन दिया है। भाजपा सरकार बनने के बाद हमने चुनाव कराने का भरोसा दिया है और हमारा काम भी वादे के अनुसार होता है।
चुनावों के आयोजन का निर्णय स्वागत योग्य – कांग्रेस
वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन के अध्यक्ष उदित प्रधान ने कहा कि छात्र संघ चुनावों के आयोजन का निर्णय स्वागत योग्य है क्योंकि पिछले कई वर्षों से ये चुनाव नहीं हो रहे थे। छात्र संघ चुनाव छात्रों को नेता बनने का अवसर प्रदान करते हैं। यदि चुनाव हुए तो हम उनका समर्थन करेंगे, अन्यथा सड़क पर भी उतर सकते हैं। हम हमेशा छात्रों और उनकी समस्याओं के साथ जुड़े हैं। भाजपा ने छात्रों के हितों की उपेक्षा की है, चाहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो या अन्य मुद्दे।