भुवनेश्वर। ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के स्तंभ और इस क्षेत्र के प्रमुख वास्तुकार रहे एमआर श्रीनिवासन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने श्रद्धांजलि संदेश में उपमुख्यमंत्री ने श्रीनिवासन को एक “सच्चे दूरदर्शी” के रूप में याद करते हुए कहा कि उनकी अग्रणी भूमिका और समर्पण ने भारत की परमाणु तकनीक की नींव रखी और देश को वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक योगदान दिया।
सिंहदेव ने कहा कि भारत ने एमआर श्रीनिवासन के रूप में एक सच्चे दूरदर्शी को खो दिया है। वे हमारे परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के प्रमुख शिल्पी थे। उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रतिबद्धता ने भारत की परमाणु क्षमताओं को आकार दिया और देश के ऊर्जा भविष्य को परिभाषित करने वाले वैज्ञानिक नवाचारों को आगे बढ़ाया।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि श्रीनिवासन ने भारत के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देश ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की।
उन्होंने आगे कहा कि उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं को भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती रहेगी। इस अपूरणीय क्षति से मैं अत्यंत दुःखी हूं। उनके परिवार और वैज्ञानिक समुदाय के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।