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ओडिशा में नहीं है कोई सक्रिय मामला
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स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई
भुवनेश्वर। एशिया के कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और भारत में हाल ही में दो कोविड से जुड़ी मौतों के बाद ओडिशा में स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। हालांकि राज्य में अब तक ओमिक्रॉन की नई उपशृंखला जेएन.1 का कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने विशेष रूप से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ नीलकंठ मिश्र ने स्पष्ट किया कि यह कोई नया प्रकार नहीं है, बल्कि पहले से मौजूद ओमिक्रॉन प्रकार की एक उपशृंखला है। उन्होंने कहा कि यह प्रकार पहले भी सामने आ चुका है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
मास्क पहनें, सावधानी बरतें
डॉ मिश्र ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग जैसे कि गुर्दे के रोगी, कैंसर मरीज आदि, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क अवश्य पहनें और अतिरिक्त सतर्कता बरतें। यदि स्थिति बिगड़ती है या केंद्र सरकार द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी किया जाता है, तभी राज्य सरकार सार्वजनिक सलाह जारी करेगी।
जरूरत पड़ी तो नमूनों की जांच होगी
यदि राज्य में किसी भी कोविड संक्रमण की पुष्टि होती है, तो उसके नमूनों को आनुवंशिक जांच (जीनोम अनुक्रमण) के लिए भेजा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि वह किस प्रकार का संक्रमण है। इसके अनुसार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
क्या है जेएन.1 उपशृंखला
जेएन.1 ओमिक्रॉन प्रकार की एक उपशृंखला है, जो पिरोला (बीए.2.86) नामक उपप्रकार से विकसित हुई है। यह सबसे पहले 2023 के अंत में दुनिया में सामने आई और अब अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, हांगकांग और भारत जैसे देशों में तेज़ी से फैल रही है।
हालांकि इसके फैलने की गति अधिक है, लेकिन अब तक यह प्रमाणित नहीं हुआ है कि यह गंभीर बीमारी का कारण बनती है। अधिकतर संक्रमितों में हल्के से मध्यम लक्षण ही देखे गए हैं।
भारत और एशिया में वर्तमान स्थिति
19 मई 2025 तक भारत में कुल 257 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं, जिनमें अधिकांश मामूली लक्षणों वाले हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक कोई नया परामर्श जारी नहीं किया है, लेकिन स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। हाल ही में मुंबई में दो लोगों की कोविड से जुड़ी मौत हुई है, जिसमें एक 14 वर्षीय किशोर को गुर्दे की गंभीर बीमारी थी और दूसरा 54 वर्षीय व्यक्ति कैंसर से पीड़ित था। दोनों की हालत पहले से ही नाज़ुक थी।
ध्यान देने योग्य लक्षण
जेएन.1 संक्रमण में सामान्य रूप से निम्न लक्षण देखे जा रहे हैं:
– गले में खराश
– बहती नाक
– खांसी
– थकान
– हल्का बुखार
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ये लक्षण पहले के ओमिक्रॉन संक्रमण जैसे ही हैं और घबराने जैसी कोई स्थिति नहीं है।
सावधानी बरतने की सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। वे लोग:
– भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें
– हाथों की साफ-सफाई बनाए रखें
– अनावश्यक यात्रा और मेलजोल से बचें
– जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।