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अवैध बांग्लादेशियों पर सरकार ने सका कड़ा शिकंजा
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राज्य से अवैध नागरिकों को हटाने की कार्रवाई तेज
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तटवर्ती जिले विशेष निगरानी में
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कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें वापस भेजने की भी तैयारी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में रह रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। अब न केवल उन्हें राज्य के कार्यबल से हटाया जाएगा, बल्कि कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें वापस भेजने की भी तैयारी की जा रही है।
राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ओडिशा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि अब किसी भी सरकारी या निजी क्षेत्र की कंपनी, विशेष रूप से आउटसोर्सिंग एजेंसियां, इन नागरिकों को काम पर नहीं रखेंगी।
मंत्री ने कहा कि हमारा स्पष्ट रुख है कि जो भी बांग्लादेशी अवैध रूप से राज्य में रह रहे हैं, उनकी पहचान की जाएगी और कोई भी आउटसोर्सिंग कंपनी उन्हें काम पर नहीं रख सकेगी। इसके लिए सभी निजी कंपनियों को अपने कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच करने और बिना वैध दस्तावेज़ों वाले लोगों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विशेष कार्य बल बनी नोडल एजेंसी
राज्य सरकार ने इस बहु-विभागीय अभियान के नेतृत्व के लिए अपराध शाखा के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। यह बल समुद्री पुलिस, तटरक्षक बल, रेलवे सुरक्षा बल, ज़िला पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर छापेमारी और पहचान अभियान चला रहा है।
एसटीएफ के उप महानिरीक्षक पिनाक मिश्र ने बताया कि अवैध घुसपैठ को रोकने और स्थायी समाधान के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। इसके तहत संवेदनशील इलाकों की पहचान, दस्तावेज़ों का सत्यापन, और नियमित निगरानी की व्यवस्था बनाई जा रही है।
तटवर्ती ज़िलों में पहले चरण की कार्रवाई
पहले चरण में यह अभियान छह तटवर्ती जिलों में चलाया जा रहा है, जो समुद्री मार्गों के कारण अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। इनमें केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक, पुरी, बालेश्वर और गंजाम शामिल हैं।
2021 के आंकड़े और बढ़ने की आशंका
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2021 तक ओडिशा में 3,740 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से रह रहे के रूप में चिह्नित किया गया था। इनमें से सबसे अधिक 1,649 केंद्रापड़ा और 1,112 जगतसिंहपुर में पाए गए थे। अधिकारियों का मानना है कि इनकी संख्या अब और बढ़ गई है।
राज्य सरकार की यह सख्त पहल न केवल राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज़ से अहम मानी जा रही है, बल्कि इससे रोज़गार क्षेत्र में भी पारदर्शिता और क़ानून का पालन सुनिश्चित करने की दिशा में कदम माना जा रहा है।