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भाजपा बोली– पिछली सरकार बताए कहां हैं दस्तावेज
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बीजद ने पूछा– एक साल में आपने क्या किया?
भुवनेश्वर। ओडिशा में चिटफंड घोटाले से जुड़ी अहम फाइलों की गुमशुदगी ने एक बार फिर सियासी घमासान खड़ा कर दिया है। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी बीजद के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने मंगलवार को दावा किया कि पूर्ववर्ती बीजद सरकार चिटफंड घोटाले से जुड़े दस्तावेजों को लेकर लापरवाह रही। उन्होंने कहा कि अब तक जरूरी कागजात बरामद नहीं हो सके हैं, लेकिन भाजपा सरकार दस्तावेजों की तलाश में जुटी है और पीड़ितों को उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
दस्तावेज मिलते ही लौटेगा पैसा
सामल ने कहा कि चिटफंड घोटाले से प्रभावित सभी 40 लाख निवेशकों को पैसा लौटाया जाएगा। हमारी सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर ही इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए थे। जब तक सारे दस्तावेज नहीं मिलते, नीति निर्धारण मुश्किल है। दस्तावेजों के स्थानांतरण में भी पूर्व सरकार की भूमिका पर सवाल है।
उन्होंने बताया कि अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को भी बुलाया गया था। उन्होंने दोहराया कि सरकार का लक्ष्य हर एक पीड़ित को मुआवजा देना है और यह वादा उनके चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल था।
बीजद ने सरकार से पूछा– एक साल में आपने क्या किया?
विपक्षी बीजद ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण साहू ने कहा कि अब आप सरकार में हैं। दस्तावेज ढूंढ़ना और कार्रवाई करना आपकी ज़िम्मेदारी है। हर बार पिछली सरकार को दोष देना ठीक नहीं। जब आप जनता से वादे करके सत्ता में आए हैं, तो जवाबदेही भी आपकी बनती है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार 12 जून को एक साल पूरा करने जा रही है। यह वक़्त है कि वे बताएँ, उनके वादों में क्या-क्या पूरा हुआ। इसके बाद हम भी अपने सवालों के साथ सामने आएँगे।
निवेशकों को अब भी इंतज़ार
चिटफंड घोटाले में निवेश करने वाले लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार आज भी अपने पैसे की वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं। सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं, लेकिन पीड़ितों की उम्मीदें दस्तावेजों की बरामदगी और न्यायिक कार्रवाई पर टिकी हैं।
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