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प्रधानमंत्री की बैठक की खबर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री ने दिया स्पष्टीकरण
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पोलावरम परियोजना पर चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाले किसी बैठक को लेकर उन्हें कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री माझी से उन खबरों के संबंध में सवाल किया गया था, जिनमें दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री 28 मई को ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ इस विवादित परियोजना पर उच्चस्तरीय बैठक करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बैठक की कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हो सकती है। यदि भविष्य में पोलावरम मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाती है, तो ओडिशा उसमें भाग लेगा और राज्य के हित में अपनी बात रखेगा।
पोलावरम परियोजना पर जारी है विवाद
आंध्र प्रदेश की जीवनरेखा मानी जाने वाली पोलावरम परियोजना को लेकर पड़ोसी राज्यों, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़, की आपत्तियां लंबे समय से जारी हैं। इन राज्यों ने भूमि डूब क्षेत्र और गांवों के विस्थापन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उच्चस्तरीय चर्चाओं के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ ने विशेष रूप से भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। यह मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है, जहां ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने याचिकाएं दायर की हैं।
केंद्र पर है समाधान की जिम्मेदारी
पोलावरम परियोजना को आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था, जिसके चलते अब इसका समाधान केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बन गया है। विशेष रूप से तब, जब परियोजना को एनडीए सरकार के आने के बाद तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
संयुक्त कार्रवाई समिति ने उठाई थी आवाज
मार्च महीने में प्रस्तावित डूब क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त कार्रवाई समिति ने पोलावरम परियोजना पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी, जब तक कि डूब क्षेत्र से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता। पोलावरम परियोजना को लेकर जारी यह बहुपक्षीय विवाद अब भी अपने समाधान की प्रतीक्षा कर रहा है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार आगे क्या रुख अपनाती है।