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धारदार हथियारों, चाकू, हसिए और डंडों का खुलकर इस्तेमाल
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20 से अधिक घायल, तीन की हालत गंभीर
ब्रह्मपुर। गंजाम जिले के सिंदुरापल्ली गांव में शनिवार को केवड़ा फूल तोड़ने को लेकर दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 से अधिक लोग घायल हो गए। चामखंडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई यह घटना करीब आधे घंटे तक चली, जिसमें धारदार हथियारों, चाकू, हसिए और डंडों का खुलकर इस्तेमाल हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, झड़प में घायल हुए कम से कम तीन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे यह मामला और भी सुर्खियों में आ गया है।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी। फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है।
देश में केवड़ा इत्र का 90 प्रतिशत उत्पादन इसी क्षेत्र से
गंजाम जिला भारत में केवड़ा फूल और उसके इत्र (तेल) के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। देश की कुल केवड़ा इत्र उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र से आता है। केवड़ा फूलों से निकाला गया इत्र खाद्य और इत्र उद्योगों में प्रयोग होता है। इसके विशिष्ट गुणों और पारंपरिक उत्पादन पद्धति के कारण ‘गंजाम केवड़ा’ को भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) भी प्राप्त है।
220 गांवों में दो लाख लोग उत्पादन से जुड़े
जिले के 220 गांवों में फैले लगभग दो लाख लोग केवड़ा उत्पादन से जुड़कर अपनी आजीविका चलाते हैं। यह क्षेत्र न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक परंपरा के रूप में भी केवड़ा उत्पादन में अग्रणी माना जाता है।
आजीविका बनाम अधिकार का संघर्ष
विशेषज्ञों का मानना है कि केवड़ा फूलों के सीमित संसाधनों और बढ़ती मांग के कारण स्थानीय स्तर पर ऐसे विवाद अब आम होते जा रहे हैं। प्रशासन पर दबाव है कि वह जल्द से जल्द न्यायसंगत समाधान निकाले ताकि गांवों की शांति और पारंपरिक व्यवसाय को बचाया जा सके।