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पुरी श्रीमंदिर के सेवायतों ने की इस्कॉन पर कार्रवाई की मांग
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18 मई को लंदन में प्रस्तावित रथयात्रा को बताया परंपराओं का उल्लंघन
भुवनेश्वर। इस्कॉन द्वारा 18 मई को लंदन में प्रस्तावित रथयात्रा को लेकर विवाद गहरा गया है। पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर के पारंपरिक सेवायतों ने इस आयोजन को परंपराओं के विरुद्ध बताते हुए कड़ा विरोध जताया है और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
पुरी श्रीमंदिर के वरिष्ठ हजुरी सेवायत कृष्णचंद्र खुंटिया ने कहा कि रथयात्रा केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक पवित्र परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही धार्मिक विधियों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा, स्नान पूर्णिमा तथा अन्य पर्वों की तिथियां निश्चित होती हैं, जिनका उल्लंघन कोई भी संस्था नहीं कर सकती। इस्कॉन ने न केवल असमय रथयात्रा निकालने की घोषणा की है, बल्कि पहले भी हमारे पत्रों का कोई उत्तर नहीं दिया।
गलत चित्रों से भक्तों की भावनाएं आहत
विवाद को और भड़काने का काम इस्कॉन द्वारा जारी किए गए रथयात्रा के प्रचार चित्रों ने किया है। इन चित्रों में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ पर तथा देवी सुभद्रा को नंदिघोष रथ पर दर्शाया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
सरकारी हस्तक्षेप की मांग
सेवायतों का कहना है कि इस्कॉन द्वारा इस प्रकार की असंगत गतिविधियां न केवल जगन्नाथ संस्कृति को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करती हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर श्रद्धालुओं को भी भ्रमित करती हैं। उन्होंने राज्य व केंद्र सरकार से अपील की है कि इस आयोजन को रोका जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए जाएं।
इस्कॉन की चुप्पी जारी
विवाद बढ़ने के बावजूद इस्कॉन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पुरी से लेकर ओडिशा भर में जगन्नाथ भक्तों के बीच इस आयोजन को लेकर गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।