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आतंक के खिलाफ विदेश जाएगा भारतीय प्रतिनिधिमंडल

  • सात सांसदों का सर्वदलीय दल ले जाएगा भारत का कड़ा संदेश

  • बैजयंत पंडा भी होंगे शामिल

भुवनेश्वर। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंक के विरुद्ध सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत सात भारतीय सांसदों को चुनकर उन्हें विभिन्न देशों में भेजा जा रहा है, ताकि भारत की ‘आतंक के प्रति शून्य सहिष्णुता’ की नीति को स्पष्ट रूप से रखा जा सके।

इन सात सांसदों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रापड़ा से सांसद बैजयंत पंडा का नाम भी शामिल है। वे उन सांसदों में से हैं, जिन्हें सरकार ने विश्व के प्रमुख देशों, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश भी शामिल हैं, में भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल माह के अंत में रवाना होंगे

सरकार के सूत्रों के अनुसार, ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इसी माह के अंत में रवाना होंगे। प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय एकता, आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प, और सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों के प्रति भारत की असहिष्णुता का स्पष्ट संदेश देना है।

शनिवार को संसद कार्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की एकजुटता और आतंकवाद के हर रूप और प्रवृत्ति के विरुद्ध हमारे दृढ़ और स्पष्ट दृष्टिकोण को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। ये प्रतिनिधिमंडल भारत की ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति का सशक्त संदेश लेकर जाएंगे।

चुने गए सांसदों में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि

इस कार्य के लिए चुने गए सांसदों में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि हैं, जिनमें सत्तारूढ़ और विपक्ष दोनों ही खेमे के सदस्य शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले अन्य सांसदों में भाजपा से रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस से शशि थरूर, जनता दल (यूनाइटेड) से संजय झा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत शिंदे शामिल हैं।

इनमें चार सांसद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन सांसद विपक्षी भारत गठबंधन से हैं।

हर प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा करेगा

सूत्रों का कहना है कि हर प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा करेगा। जिन देशों का चयन किया गया है, वे भारत के रणनीतिक साझेदार हैं और वैश्विक मंचों पर भारत के लिए प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं। हर प्रतिनिधिमंडल में अनुभवी राजनयिक भी शामिल होंगे, जो इन दौरे को औपचारिक और प्रभावी बनाएंगे।

आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का संदेश देंगे

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक पोस्ट में लिखा कि जब देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षण आता है, तब भारत एकजुट खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हमारे साझेदार देशों का दौरा कर भारत की साझा भावना, आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता, का संदेश देंगे। यह राजनीति से ऊपर, भिन्नताओं से परे राष्ट्रीय एकता का सशक्त प्रतिबिंब है। भारत की यह पहल वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को न केवल दोहराती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि देश इस मुद्दे पर किसी प्रकार की ढिलाई या विभाजन को स्वीकार नहीं करेगा।

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