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ओडिशा सरकार ने गठित किया राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड

  • करीब 30 हजार ट्रांसजेंडर लोगों को मिलेगा लाभ

  • ओडिशा बना देश का 20वां राज्य

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय के पुनर्वास और कल्याण के लिए राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया है। इस आशय की अधिसूचना सामाजिक सुरक्षा एवं विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग द्वारा जारी की गई। ओडिशा देश का 20वां राज्य है, जिसने ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए इस प्रकार का बोर्ड गठित किया है।

राज्य में लगभग 30,000 ट्रांसजेंडर लोग निवास करते हैं। इनकी सामाजिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और आवास संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह बोर्ड बनाया गया है। यह गठन ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत किया गया है, जो ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनके सामाजिक एकीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

मंत्री नित्यनंद गोंड करेंगे अध्यक्षता

इस बोर्ड की अध्यक्षता सामाजिक सुरक्षा मंत्री नित्यनंद गोंड करेंगे। इसमें कुल 12 सदस्य होंगे, जिनमें से दो सदस्य स्वयं ट्रांसजेंडर समुदाय से होंगे। इसके अतिरिक्त इसमें स्वास्थ्य, पंचायती राज, आवास एवं शहरी विकास, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, तथा स्कूल एवं जन शिक्षा विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।

योजनाओं की निगरानी व क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा

बोर्ड का मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। यह शिक्षा, रोजगार, आवास और स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं के संचालन की देखरेख करेगा। साथ ही ट्रांसजेंडर नीति के क्रियान्वयन और कल्याण से जुड़ी विभिन्न पहलों पर भी नजर रखेगा।

एसोसिएशन ने निर्णय का स्वागत किया

ऑल ओडिशा किन्नर एवं ट्रांसजेंडर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रताप साहू ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम लंबे समय से ट्रांसजेंडर समुदाय की मांग रही है और अब जाकर सरकार ने उनकी आवाज को सुना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बोर्ड के माध्यम से समुदाय को बेहतर जीवन, सम्मान और बराबरी का अधिकार मिल सकेगा।

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