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आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली की घटनाओं में अन्य चार गंभीर रूप से घायल
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कोरापुट में तीन, गंजाम, जाजपुर और ढेंकानाल में दो-दो तथा गजपति व मयूरभंज में एक-एक की गई जान
भुवनेश्वर। ओडिशा में शुक्रवार को अचानक आए कालबैसाखी तूफान और आकाशीय बिजली की घटनाओं ने कहर बरपाया। राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 10 लोगों की मौत और चार अन्य के गंभीर रूप से घायल होने की पुष्टि हुई है। मृतकों में कोरापुट जिले से तीन, गंजाम से दो, जाजपुर से दो, ढेंकानाल से दो और गजपति और मयूरभंज से एक-एक व्यक्ति शामिल है।
सबसे अधिक मौतें कोरापुट जिले में हुईं, जहां लक्ष्मीपुर क्षेत्र में तेज बारिश और बिजली गिरने से तीन लोगों की जान चली गई। इनमें पोर्डीगुड़ा गांव की 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला बुरुड़ी मांदिन्गा और उनकी 18 वर्षीय नातिन काशा मांदिन्गा शामिल थीं। वे ओड़ियापेंथा पंचायत क्षेत्र में रहती थीं। तीसरी मृतका अंबिका काशी थीं, जो कुम्भारगुड़ा गांव में खेत में काम कर रही थीं, तभी बिजली की चपेट में आ गईं।
गंजाम जिले के भंजनगर अनुमंडल के बेलगुंथ क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवती की मौत हो गई, जबकि कविसूर्यनगर क्षेत्र में एक नाबालिग की जान चली गई।
ढेंकानाल जिले में भी बिजली गिरने की दो घटनाएं सामने आईं। कामाख्यानगर प्रखंड के कुसुमांडिया गांव में एक महिला की मौत हो गई, जबकि गोंडिया थाना क्षेत्र के कबेरा गांव में एक युवक की जान चली गई।
जाजपुर जिले के जेनापुर थाना क्षेत्र के बुरुसाही गांव में दो बच्चों की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई।
गजपति जिले के मोहन और आर. उदयगिरि प्रखंडों में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि चार अन्य लोग झुलसकर गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
मयूरभंज जिले में उदला थाने के कुटिंग गांव के मजदूर चुनाराम किस्को (31) की उपरबेड़ा वन विभाग से बालीमुंडाली माझी साही में अपने रिश्तेदार के घर लौटते समय बिजली गिरने से मौत हो गई। उसे सोरो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष चेतावनी
आईएमडी की क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने दोपहर के अपने बुलेटिन में लोगों को सलाह दी कि वे मौसम पर नजर रखें और आंधी-तूफान के दौरान सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। शहरी क्षेत्रों में यातायात पर विशेष सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।
फसल कटाई का कार्य सोच-समझकर करें
मौसम विभाग की ओर से किसानों से अपील की गई है कि वे फसल कटाई का कार्य सोच-समझकर करें और सब्जियों व अन्य फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए जालों का प्रयोग करें। बदलते मौसम में सतर्कता ही सुरक्षा की पहली शर्त है। राज्य सरकार से प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने की मांग भी उठ रही है।