-
वर्ष 2047 तक उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 500 मिलियन टन करने का लक्ष्य
-
मुख्यमंत्री से मिली इंडियन स्टील एसोसिएशन की टीम
-
मोहन माझी ने नियमों के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन
-
अधिक लौह अयस्क उत्पादन और स्टील कंपनियों को सुविधा से आपूर्ति पर जोर
भुवनेश्वर। ओडिशा आने वाले वर्षों में भारत के स्टील उत्पादन को नई दिशा देने जा रहा है। वर्ष 2047 तक देश का स्टील उत्पादन 500 मिलियन टन तक पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार सक्रिय भूमिका निभाने जा रही है। इंडियन स्टील एसोसिएशन को ओडिशा सरकार ने नियमों के अनुसार सभी सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया है और अधिक लौह अयस्क उत्पादन व स्टील कंपनियों को उसकी सहज आपूर्ति पर विशेष बल देने की बात कही।
सुविधाओं और अवसरों में वृद्धि पर चर्चा
इंडियन स्टील एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन जिन्दल के नेतृत्व में इस्पात क्षेत्र के कई प्रतिनिधियों ने आज लोकसेवा भवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से मुलाकात की और राज्य में अधिक स्टील उत्पादन तथा इसके लिए आवश्यक सुविधाओं और अवसरों में वृद्धि पर चर्चा की।
सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी – माझी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2036 तक समृद्ध ओडिशा का निर्माण और 2047 तक विकसित भारत के विकास इंजन के रूप में ओडिशा को स्थापित करना राज्य का लक्ष्य है। इसमें खनन और इस्पात क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसलिए ओडिशा में कंपनियां स्थापित कर रही संस्थाओं को सुविधाजनक रूप से कच्चा माल उपलब्ध कराने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं और अवसर प्रदान करने पर राज्य सरकार जोर दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टील कंपनियों के साथ उचित विचार-विमर्श कर सभी सुविधाएं नियमों के अनुसार उपलब्ध कराई जाएंगी।
ओडिशा की जारी रहेगी महत्वपूर्ण भूमिका
बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में देश का स्टील उत्पादन सालाना 165 मिलियन टन है। वर्ष 2047 तक इसे बढ़ाकर 500 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा गया है। देश में स्टील उत्पादन की वृद्धि में ओडिशा की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। इसलिए स्टील कंपनियों को सुविधाजनक रूप से लौह अयस्क और अन्य सहायक सुविधाएं कैसे मिलें, इस पर बैठक में विशेष जोर दिया गया।
इस वर्ष 30 खदानों की नीलामी की संभावना
बैठक में अधिक लौह अयस्क खदानों की नीलामी और पहले से नीलाम हुई खदानों से शीघ्र उत्खनन शुरू करने पर भी चर्चा की गई। यह भी बताया गया कि इस वर्ष लगभग 30 खदानों की नीलामी होने की संभावना है। इसके साथ ही ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से स्टील कंपनियों को किस तरह सुविधा से लौह अयस्क उपलब्ध कराया जा सकता है, इस पर भी विचार किया गया।
इस बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, इस्पात और खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेन्द्र कुमार, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा तथा संबंधित विभागों के अन्य सचिवगण उपस्थित थे।