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बोले, 35 वर्षों तक बीजद और कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों से किया छल
भुवनेश्वर। ओडिशा में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) को उच्च शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा में 11.25% आरक्षण देने के कैबिनेट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह “डबल इंजन सरकार” की प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस और बीजद पर करारा हमला करते हुए कहा कि इन दोनों दलों ने पिछले 35 वर्षों तक ओडिशा में एसईबीसी वर्ग के छात्रों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण से वंचित रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारें कोर्ट का बहाना बनाकर और नकली सर्वे करवा कर एसईबीसी वर्ग के साथ छल करती रहीं।
प्रधान ने कहा कि 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बावजूद ओडिशा जैसे राज्य में एसईबीसी वर्ग के छात्रों को उनका हक नहीं दिया गया, जबकि संविधान ने शिक्षा और रोजगार में आरक्षण की व्यवस्था स्पष्ट रूप से दी है। ओडिशा देश का एकमात्र राज्य था जिसने इस वर्ग के अधिकारों को जानबूझकर दबाया।
उन्होंने आगे कहा कि अब जबकि राज्य में डबल इंजन सरकार है, चुनाव में किए गए वादों को पूरा किया जा रहा है। उच्च शिक्षा में आरक्षण लागू हो गया है और आने वाले दिनों में व्यावसायिक शिक्षा और मेडिकल शिक्षा में भी एसईबीसी वर्ग के लिए आरक्षण लागू किया जाएगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि ओडिशा में एससी-एसटी वर्गों को नौकरी में जितना आरक्षण मिलता है, शिक्षा में वह स्तर अभी तक नहीं था। इस असंतुलन को भी अब सुधारा जाएगा। केंद्र सरकार की नीति के अनुसार, 50% की सीमा में रहते हुए ही आरक्षण लागू किया जा रहा है, और बची हुई 11.25% सीटों को एसईबीसी के लिए सुरक्षित किया गया है।
प्रधान ने कहा कि बीजेपी सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। जो काम कांग्रेस और बीजद 35 साल में नहीं कर सके, वह अब डबल इंजन सरकार ने कर दिखाया है। अब ओडिशा में भी सभी वर्गों को संविधान सम्मत अधिकार और न्याय मिलेगा।
उन्होंने इस फैसले को “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की सिद्धि बताया और भरोसा जताया कि यह कदम राज्य को समावेशी विकास की ओर ले जाएगा।