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पत्रकारों को देवर्षि नारद से लेनी चाहिए प्रेरणा : प्रफुल्ल केतकर

  • भुवनेश्वर में देवर्षि नारद जयंती पर आयोजन

  •  पत्रकारिता में भारतीय दृष्टिकोण अपनाने पर जोर

भुवनेश्वर। भारतीय पत्रकारों को देवर्षि नारद की संचार शैली से प्रेरणा लेकर पत्रकारिता करनी चाहिए, क्योंकि उनका संचार उद्देश्यपूर्ण, तथ्यपरक और विवेकपूर्ण होता था। यह बात आर्गनाइजर पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने भुवनेश्वर में आयोजित देवर्षि नारद जयंती कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम विश्व संवाद केन्द्र, भुवनेश्वर द्वारा आयोजित किया गया था।

केतकर ने कहा कि देवर्षि नारद भारतीय परंपरा में पहले संवाददाता माने जाते हैं, जो हर युग में – वेदों, उपनिषदों, रामायण और महाभारत में दिखाई देते हैं। वे ‘ऑन द स्पॉट’ रिपोर्टिंग करते थे, तथ्यों की जांच करते थे और विवेक से तय करते थे कि कौन-सी जानकारी से लोक कल्याण होगा। उनके संचार का उद्देश्य ‘सर्वजन हिताय’ था।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब नारद को ‘कलह प्रिय’ बताकर उनकी छवि खराब की गई, लेकिन आज उन्हें पत्रकारिता के आदि प्रतीक के रूप में पुनर्स्थापित किया जा रहा है। 1826 में ‘उदंत मार्तंड’ के पहले अंक के कवर पर भी नारद की तस्वीर थी और 1955 में केएम मुंशी की अध्यक्षता वाली समिति ने भी उन्हें आद्य पत्रकार माना था।

पत्रकारिता में गिरावट पर चिंता जताई

केतकर ने आज की पत्रकारिता में गिरावट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकार युद्ध जैसे संवेदनशील समय में सेना की गतिविधियों को रियल टाइम में साझा कर रहे हैं, जिससे देश की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को भारत को भारतीय दृष्टिकोण से देखना चाहिए, न कि पश्चिमी चश्मे से।

भारत का यूएसपी उसका आध्यात्मिक लोकतंत्र

भारत का यूएसपी उसका आध्यात्मिक लोकतंत्र है, जहां व्यक्ति ईश्वर को मानने या न मानने की स्वतंत्रता रखता है। यह विशेषता दुनिया में कहीं और नहीं मिलती। उन्होंने वरिष्ठ विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी का हवाला देते हुए कहा कि ‘मेरा भी रास्ता सही है’ यही भारतीय विचार है, जबकि ‘सिर्फ मेरा रास्ता सही है’ यह संघर्षों की जड़ है।

पाकिस्तान का का अस्तित्व अल्पकालिक

पाकिस्तान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नींव भारत और हिंदू विरोध पर आधारित है, इसलिए उसका अस्तित्व अल्पकालिक है। जो जन्म लेता है, वह मरता भी है। वहां की कट्टरपंथी सोच के विरुद्ध विचारधारा के स्तर पर लड़ाई जरूरी है, जिसकी तैयारी हमें करनी चाहिए।

विश्व को कड़ा संदेश

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर लक्ष्मीचरण पटनायक ने कहा कि देश व समाज में मैसेंजर की भूमिका काफी अहम है। देवर्षी नारद प्रथम संचारक थे। भारत– पाकिस्तान के बीच संघर्ष पर बोलते हुए ब्रिगेडियर पटनायक ने कहा कि इस बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान समेत पूरे विश्व को कड़ा संदेश दिया है। अभी तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इतना कड़ा संदेश नहीं दिया था।

उपेन्द्र प्रसाद महला को नारद सम्मान

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार उपेन्द्र प्रसाद महला को विश्व संवाद केंद्र, ओडिशा की ओर से नारद जयंती के अवसर पर वर्ष 2025 के लिए “नारद सम्मान” से सम्मानित किया गया। विश्व संवाद केंद्र, ओडिशा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय “21वीं नारद सम्मान” उत्सव भुवनेश्वर स्थित जयदेव भवन में वरिष्ठ स्तंभकार प्रो निरंजन पाढ़ी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। महला को सम्मान-पत्र, उत्तरीय, नारियल और 21,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ओडिशा पूर्व प्रांत के प्रांत प्रचार प्रमुख सुमंत कुमार पंडा ने वार्षिक विवरण प्रस्तुत किया। वरिष्ठ अधिवक्ता साई प्रसाद दास ने अतिथि परिचय दिया, जबकि संघ के पुरी विभाग प्रचार प्रमुख जयकृष्ण पृष्टि ने सम्मान-पत्र का पाठ किया और सह प्रांत प्रचार प्रमुख मनिंद्र सुंदर दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, यूनिट-8, भुवनेश्वर के छात्राओं ने स्वागत संगीत प्रस्तुत किया।

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