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अनुसूचित जनजाति आयोग ने ओडिशा सरकार को जारी की नोटिस
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गृह विभाग, एसटी/एससी विभाग और डीजीपी को जारी हुआ नोटिस
भुवनेश्वर। ओडिशा के कोरापुट जिले में स्थित एक राज्य संचालित आदिवासी बालिका छात्रावास में नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने राज्य सरकार को नोटिस जारी की है। आयोग ने इस गंभीर घटना पर उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट सात दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को कहा है।
यह नोटिस 9 मई को ओडिशा सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अनुसूचित जाति और जनजाति विकास एवं अल्पसंख्यक तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और राज्य पुलिस महानिदेशक को जारी की गयी है। आयोग ने निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारी पत्र, व्यक्तिगत रूप से या अन्य माध्यमों से कार्रवाई की पूरी जानकारी तत्काल भेजें।
रिपोर्ट नहीं देने पर होगी कानूनी कार्रवाई
आयोग ने साफ किया कि यदि तय समय सीमा के भीतर रिपोर्ट नहीं भेजी गई, तो संविधान के अनुच्छेद 338A के तहत उसे प्राप्त दीवानी न्यायालय जैसी शक्तियों का प्रयोग करते हुए व्यक्तिगत या प्रतिनिधि उपस्थिति के लिए समन जारी किया जा सकता है।
छात्रावास में हुआ था दुष्कर्म
उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में कोरापुट ज़िले के लमतापुट ब्लॉक स्थित गुनेईपड़ा एसटी/एससी बालिका छात्रावास में एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।
बीजद ने राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
बीजद ने अपनी शिकायत में कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में एक आदिवासी समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म और अत्याचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इन घटनाओं की मीडिया में बार-बार रिपोर्टिंग के बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं दिखाई देती। उल्टे ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। बीजद ने यह भी आरोप लगाया कि जुलाई 2024 से अब तक राज्य के ऐसे छात्रावासों और स्कूलों में कम से कम 26 विद्यार्थियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो चुकी है।