भुवनेश्वर। पश्चिमी तट और पूर्वी भारत के लिए राहत की उम्मीद लेकर दक्षिण-पश्चिम मानसून ने मंगलवार को दक्षिण बंगाल की खाड़ी, दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। इसकी पुष्टि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने की है।
मानसून की इस शुरुआती प्रगति को मौसम परिवर्तन की दिशा में एक अहम संकेत माना जा रहा है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत की उम्मीद जगी है। पिछले 24 घंटों में निकोबार द्वीपों पर कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के साथ व्यापक मध्यम बारिश दर्ज की गई है। पिछले दो दिनों से इस क्षेत्र में भारी बारिश और पश्चिमी हवाओं की गति व गहराई में निरंतर वृद्धि देखी गई है।
आईएमडी ने बताया है कि अगले 3–4 दिनों में मानसून के और हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं, जिनमें दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के और हिस्से, पूरा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और मध्य बंगाल की खाड़ी शामिल हैं।
भीषण गर्मी और उमस से जनजीवन प्रभावित
इधर, ओडिशा में भीषण गर्मी और उमस ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। लगातार तीन दिनों से कई जिलों में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज किया गया है, जिससे लोगों को गर्मी और लू का सामना करना पड़ रहा है।
भुवनेश्वर में आर्द्रता 71.6% रही
राजधानी भुवनेश्वर में मंगलवार सुबह 8:30 बजे तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि आर्द्रता 71.6% रही। गर्मी और उमस के संयुक्त प्रभाव से मौसम और भी ज्यादा असहनीय हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने लू और गर्मी से बचाव को लेकर लोगों को दिन के तीव्र धूप वाले समय में बाहर न निकलने, भरपूर पानी पीने और आवश्यक सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
आईएमडी ने कहा है कि ओडिशा में मानसून की प्रगति के साथ राहत मिलने की संभावना है, लेकिन तब तक लोगों को सतर्क रहने और मौसम से जुड़े अपडेट्स पर ध्यान देने की जरूरत है।
इस बीच, ओडिशा के कुछ हिस्सों में आगामी दिनों में गरज के साथ बारिश की भी संभावना जताई गई है।