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तकनीक बने विकास की धुरी : राज्यपाल

  •  समावेशी विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का आह्वान

  •  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर पोखरण परीक्षण की गौरवगाथा को किया याद

  •  इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को सत्यनिष्ठा के साथ नवाचार का दिया संदेश

  •  इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स की भूमिका की सराहना की

भुवनेश्वर। ओडिशा के राज्यपाल डॉ हरि बाबू कंभमपति ने समावेशी विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग का आह्वान किया है। वे आज भुवनेश्वर में “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस” एवं “इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स” के 64वें वार्षिक तकनीकी अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भारत के गौरवशाली वैज्ञानिक यात्रा की स्मृति का प्रतीक है, जो साहस, नवाचार और उत्कृष्टता की सतत प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि यह दिन 11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में हुए सफल परमाणु परीक्षण की ऐतिहासिक उपलब्धि की याद में हर वर्ष मनाया जाता है। इस परीक्षण ने भारत को परमाणु संपन्न देशों की वैश्विक सूची में प्रतिष्ठा दिलाई थी।

राज्यपाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी केवल वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि यह सपना देखने, नवाचार करने, हर चुनौती का सामना करने और नेतृत्व करने की हमारी सामूहिक चेतना को मजबूती देने वाला माध्यम है। उन्होंने यह भी कहा कि आज, जब हम एक परिवर्तनशील युग की दहलीज पर खड़े हैं, तकनीक राष्ट्र निर्माण की प्रेरणाशक्ति बन चुकी है।

राज्यपाल ने जोर देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी आशा, प्रगति और संभावनाओं की भाषा है। उन्होंने इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों को न सिर्फ सीमाओं से बाहर सोचने, बल्कि उद्देश्यपूर्ण नवाचार करने और सत्यनिष्ठा के साथ नेतृत्व करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें एक ऐसे भविष्य की कल्पना करनी चाहिए, जहां प्रौद्योगिकी हर नागरिक को सशक्त बनाए, हमारे ग्रह की रक्षा करे और एक न्यायसंगत, समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में सहायक बने।

इस अवसर पर उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था लंबे समय से इंजीनियरिंग शिक्षा, अनुसंधान और व्यावसायिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। अधिवेशन, संगोष्ठियों और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से यह संस्था नई पीढ़ी के इंजीनियरों को सशक्त बना रही है।

इस कार्यक्रम में ओडिशा के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया और इंजीनियरों की राष्ट्र निर्माण में भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा वैज्ञानिक आधारभूत संरचना के विकास और छात्रों के बीच विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी दी।

इंस्टीट्यूट के प्रेसिडेंट वीबी सिंह ने अपने भाषण में संस्था की गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत की, वहीं चेयरमैन प्रो डॉ सुधांशु शेखर दास ने स्वागत भाषण दिया और मानद सचिव संग्राम केशरी पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

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