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मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने का आरोप
कटक। सरकारी अस्पतालों में चल रहे अवैध बिचौलियों के नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कटक पुलिस ने एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर से 24 घंटे के दौरान चार दलालों को गिरफ्तार किया। मरीजों को दूसरे अस्पताल में भेजने से जुड़ी अनैतिक प्रथाओं के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद मंगलाबाग पुलिस स्टेशन ने ये गिरफ्तारियां कीं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह घटना शुक्रवार देर शाम को हुई जब एससीबी मेडिकल के नॉन-ट्रॉमा कैजुअल्टी विभाग के पास कई दलाल देखे गए। ये लोग कथित तौर पर आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को शहर के निजी अस्पतालों में जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें कमीशन के बदले में तेजी से इलाज और बेहतर सुविधाएं देने का वादा कर रहे थे।
इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए मंगलाबाग पुलिस की एक विशेष टीम ने कैजुअल्टी क्षेत्र के पास अचानक छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान तीन दलालों को रंगे हाथों पकड़ा गया, जब वे मरीजों को मनाने की सक्रिय कोशिश कर रहे थे।
इसके बाद अगली सुबह शनिवार को अस्पताल परिसर से एक और बिचौलिया पकड़ा गया, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या चार हो गई। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान देवाशीष मोहंती, कृष्ण बहादुर, सुशांत बारिक और राम नायक के रूप में हुई है।
अस्पताल में सक्रिय संगठित समूह का हैं हिस्सा
पुलिस का मानना है कि ये लोग अस्पताल परिसर में सक्रिय एक संगठित समूह का हिस्सा थे, जो कमजोर मरीजों को निशाना बनाते थे और उन्हें निजी या तीसरे पक्ष के लाभ के लिए भटकाते थे। मंगलाबाग थाने के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस तरह की प्रथाएं न केवल मरीजों की पीड़ा का शोषण करती हैं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करती हैं।
नेटवर्क का पता लगाने को चल रही विस्तृत जांच
एसीपी गिरिजा शंकर चक्रवर्ती ने कहा कि एससीबी में आने वाले मरीजों को ये बिचौलिए बेहतर उपचार सुविधाएं प्रदान करने के बहाने निजी अस्पतालों में भेज रहे हैं। हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और नेटवर्क की सीमा का पता लगाने और अंदरूनी लोगों सहित और भी लोगों के शामिल होने के बारे में विस्तृत जांच चल रही है।
जांच आगे बढ़ने पर होंगी और गिरफ्तारियां
अस्पताल के अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एससीबी मेडिकल परिसर में निगरानी बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने की संभावना है। सरकारी अस्पतालों में इसी तरह की गतिविधियों की पहले भी रिपोर्टें आई हैं, लेकिन हाल ही में की गई इस कार्रवाई ने एक बार फिर इस मुद्दे को और अधिक ध्यान में ला दिया है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जांच आगे बढ़ने पर गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
इस घटना से नागरिकों और स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है, जो लंबे समय से सार्वजनिक अस्पतालों में मरीजों के शोषण को रोकने के लिए सख्त नियमन और निगरानी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।