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रथयात्रा के लिए पुनर्विचार याचिकाओं के दायर होने के उम्मीद बंधी, महाप्रभु का नवयौवन उत्सव आयोजित

  • पुरी में रथों का निर्माण जोरों पर जारी

  • कपड़ों से सजाने में जुटे हैं सेवायत

  • गजपति महाराज राज्य सरकार पर बरसे

  • कहा- सही तरीके से नहीं रख पायी हमारा पक्ष

  • हम भक्त विहीन निकालना चाहते हैं रथयात्रा

  • रथयात्रा की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी

प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी/भुवनेश्वर

पुरीधाम में महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के आयोजन पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिकाएं दायर होने के बाद एक बार भक्तों में उम्मीद की किरण जगी है. भक्तों में उत्साह के साथ-साथ गुस्सा कायम है.

पुरी में रथों को सजाने का काम जोरों पर चल रहा है. सेवायत रथों को कपड़े से सजा रहे हैं. इसबीच गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने राज्य सरकार जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार उनका पक्ष सही तरीके से नहीं रख पायी है. गजपति महाराज ने भक्त विहीन रथयात्रा निकालने पर जोर दिया है, जैसा कि स्नान पूर्णिमा उत्सव भक्तों के बिना आयोजित किया गया था.

कल देर रात श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी की बैठक के बाद गजपति महाराज ने कहा कि श्रीमंदिर प्रबंधन कमेटी ने राज्य सरकार को भक्तों के विहीन रथयात्रा निकालने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं पेश किया गया. छत्तीसा नियोग और श्रीमंदिर प्रबंधन कमेटी की बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला लिया है, उसका एक मात्र आधार यह था कि यदि रथयात्रा आयोजित होगी तो 10 से 12 लाख भक्त शामिल होंगे, लेकिन इस दौरान भक्त विहीन रथयात्रा के प्रस्ताव को पेश नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक वरिष्ठ अधिवक्ता को नियुक्त किया था तथा यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती थी कि वह सुप्रीम कोर्ट के समझाए कि कोविद-19 के दौरान रथयात्रा निकालने में कोई समस्या नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय के अधीन हैं और पुनर्विचार याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि वह रथयात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट को पुनर्विचार करने के लिए हर संभव कदम उठाये. इधर, आज भी रथयात्रा निकालने की मांग को लेकर पुरी के बड़दांड में विरोध प्रदर्शन किया गया.

महाप्रभु का नवयौवन उत्सव आयोजित

श्रीमंदिर में आज श्री जीउ के नेत्र उत्सव के साथ नवयौवन दर्शन की विधि आयोजित की गयी. रविवार को सूर्य ग्रहण होने की वजह से यह नीति आज आयोजित की गयी.

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