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ओडिशा में सतर्कता कड़ी, घबराने की जरूरत नहीं

  • सुरक्षा अलर्ट के बीच राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने जनता को आश्वस्त किया

भुवनेश्वर। देशभर में बढ़ते सुरक्षा खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्यभर में सतर्कता कड़ी कर दी है। हालांकि अब तक राज्य को कोई प्रत्यक्ष खतरा नहीं मिला है, फिर भी एहतियातन कई कदम उठाए गए हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे से पहले ही निपटा जा सके। राज्य के तटीय और संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। कई इलाकों को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है और अनधिकृत ड्रोन संचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।

पूर्वी समुद्री सीमा पर नौसेना ने बढ़ाई गश्त

देश के कई हिस्सों में ड्रोन देखे जाने की घटनाओं के बीच भारतीय नौसेना ने ओडिशा सहित पूर्वी समुद्री सीमा पर गश्त को तेज कर दिया है। हाल के दिनों में उत्तर भारत के देहरादून सहित कई क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाई गई थी। अब ओडिशा भी पूरी तरह से सतर्कता मोड पर है ताकि कोई चूक न हो।

अधिकारियों की छुट्टियां रद्द, हर विभाग हाई अलर्ट पर

राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने शनिवार को बताया कि कई वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। आने वाले दिनों में स्थिति के अनुसार और भी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द की जा सकती हैं। राज्य की आपातकालीन इकाइयां, पुलिस विभाग और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हैं और सतर्कता के साथ कार्य कर रही हैं।

रणनीतिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गई

बालेश्वर स्थित चांदीपुर मिसाइल परीक्षण रेंज की सुरक्षा और निगरानी को और कड़ा किया गया है। यह देश का एक प्रमुख मिसाइल परीक्षण केंद्र है, जहां किसी भी प्रकार की चूक देश की सुरक्षा के लिए घातक हो सकती है। इसी प्रकार, पश्चिम ओडिशा के महत्वपूर्ण जलस्रोत हिराकुद बांध के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आम जनता के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।

धार्मिक स्थलों और रक्षा प्रतिष्ठानों पर कड़ी नजर

पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर और भुवनेश्वर के ऐतिहासिक लिंगराज मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। ये दोनों स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इन पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक प्रतिदिन आते हैं। इन्हें 24 घंटे की निगरानी में रखा गया है।

इसके अलावा बलांगीर और कोरापुट जिलों में स्थित हथियार और गोला-बारूद निर्माण इकाइयों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इन इकाइयों की निगरानी के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, और इन क्षेत्रों में आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

संभावित संदिग्धों पर भी नजर, परिवहन केंद्रों पर सतर्कता

राज्य पुलिस और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के समन्वय से उन व्यक्तियों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है जिनका अतीत में चरमपंथी या आतंकी गतिविधियों से संबंध रहा है। इनकी गतिविधियों, संचार और संपर्कों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और प्रमुख बस अड्डों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और संदिग्ध वस्तुओं व गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

जनता से संयम और सतर्कता की अपील

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जनता को घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह सारी तैयारियां एहतियात के तौर पर की जा रही हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे से पहले ही निपटा जा सके। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना पुलिस को दें।

मॉक ड्रिल और आपात अभ्यास भी शुरू

सरकार ने राज्य के प्रमुख स्थानों पर मॉक ड्रिल और आपातकालीन अभ्यास शुरू कर दिए हैं ताकि किसी भी आपदा या आतंकी हमले की स्थिति में तुरंत और समन्वित प्रतिक्रिया दी जा सके। पुलिस, आपदा प्रबंधन, चिकित्सा सेवा और स्थानीय प्रशासन के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाया गया है।

केंद्र से तालमेल में राज्य सरकार

ओडिशा सरकार केंद्र सरकार और रक्षा संस्थाओं के साथ निरंतर समन्वय में है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। अभी तक राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है।

उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के मद्देनज़र ओडिशा तट की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। शनिवार को भुवनेश्वर स्थित पुलिस सेवा भवन में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें ओडिशा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता में तटीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) समेत शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।

सामरिक महत्व के प्रतिष्ठानों में सुरक्षा बढ़ाई गई

ओडिशा के तटीय जिलों, विशेष रूप से पारादीप, भद्रक और गंजाम में पुलिस और तटीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा निगरानी बढ़ा दी गई है। सामरिक महत्व के प्रतिष्ठानों में सुरक्षा बढ़ाई गई है और आपातकालीन तैयारियों की मॉक ड्रिल भी की जा रही है।

बैठक में तटीय इलाकों की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने और समुद्री पुलिस बल की परिचालन क्षमता की समीक्षा की गई।

ड्रोन से निगरानी, इंटरसेप्टर बोट और मोबाइल पेट्रोलिंग

तटीय सुरक्षा के एडीजी अरुण बोथरा ने बैठक के बाद बताया कि तटीय क्षेत्रों में ड्रोन के ज़रिये निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रीयल-टाइम जानकारी मिल सके। सभी समुद्री पुलिस स्टेशन पूरी तरह अलर्ट हैं और तटीय सुरक्षा इकाइयों को चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

जल्द ही संयुक्त गश्ती अभ्यास भी शुरू होंगे

उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है। खुफिया जानकारी साझा करने और आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नियमित संवाद प्रणाली विकसित की गई है। जल्द ही संयुक्त गश्ती अभ्यास भी शुरू होंगे।

आधुनिक तकनीक और संयुक्त प्रयासों पर ज़ोर

बोथरा ने बताया कि उन्नत निगरानी प्रणाली, हाई-स्पीड इंटरसेप्टर बोट्स और मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट्स को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जा रहा है।

बैठक में उन्होंने कहा कि तटीय सुरक्षा में समुद्री पुलिस, भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड और खुफिया विभागों सहित सभी एजेंसियों के बीच तालमेल बेहद आवश्यक है। उन्होंने पुलिस बल के प्रयासों की सराहना की और किसी भी आपात स्थिति के दौरान सतर्क रहने को कहा।

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना

बैठक में समुद्री पुलिस स्टेशनों की तैयारियों, जनशक्ति, प्रशिक्षण आवश्यकताओं और लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई। नए तटीय चौकियों की स्थापना, बुनियादी ढांचे के उन्नयन और पुलिसकर्मियों की क्षमता बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई।

ओडिशा की 480 किलोमीटर लंबी तटरेखा को देखते हुए यह बैठक राज्य के लिए समुद्री सुरक्षा की दृष्टि से एक रणनीतिक मील का पत्थर मानी जा रही है।

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