Home / Odisha / जगन्नाथ मंदिर समेत ओडिशा के संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा

जगन्नाथ मंदिर समेत ओडिशा के संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा

  • भारत-पाक तनाव के बीच मुख्यमंत्री मोहन माझी ने दी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की जानकारी

भुवनेश्वर। पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर सहित ओडिशा के तटीय और रणनीतिक क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर हालात पर कड़ी नजर रख रही हैं और संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

पुरी शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। विशेष रूप से 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर को केंद्र में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

पुरी में समर्पित पुलिस इकाई तैनात

पुरी के श्रीमंदिर की सुरक्षा के लिए एक समर्पित पुलिस इकाई तैनात की गई है। इस विशेष बल में 150 से अधिक प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जिन्हें संवेदनशील धार्मिक स्थलों पर तैनाती और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ये बल मंदिर परिसर की 24×7 निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।

शहरभर में रातभर गश्त, वाहनों की तलाशी

अधिकारियों के अनुसार शहर भर में रातभर गश्त, वाहनों की तलाशी, सड़क अवरोध और संदेहास्पद व्यक्तियों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। विशेष रूप से श्रीमंदिर कॉरिडोर के आसपास कई चौकियों पर जांच की जा रही है। आज एक विशेष सुरक्षा ब्रीफिंग का आयोजन भी किया गया, जिसमें तैनात बलों के बीच समन्वय और तत्परता को और मजबूत किया गया।

होटलों और लॉजों में भी अचानक निरीक्षण

पुरी के होटलों और लॉजों में भी अचानक निरीक्षण किए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी मेहमानों की पहचान और दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं ताकि असामाजिक या संदिग्ध तत्वों की घुसपैठ को रोका जा सके। होटल संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे आगंतुकों का पूरा रिकॉर्ड रखें और सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग करें।

श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा होगी सुनिश्चित

यह सख्त सुरक्षा प्रबंध ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के तहत लागू किए गए हैं, जिसका उद्देश्य भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच बाहरी खतरों से निपटना और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड ने भी जगन्नाथ मंदिर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी, जिससे इसकी रणनीतिक महत्ता का संकेत मिलता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह कोई अस्थायी कदम नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीति है जिसका उद्देश्य मंदिर की पवित्रता और वहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

मोहन माझी ने पुख्ता इंतजामों का दिया भरोसा

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आवश्यक रणनीतिक और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। मीडियाकर्मिय़ों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि केंद्र सरकार हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है, विशेषकर ओडिशा के तटीय और रणनीतिक क्षेत्रों जैसे चांदीपुर और पुरी पर, जो किसी भी संभावित टकराव की स्थिति में संवेदनशील हो सकते हैं।

आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क और तैयार

उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क और तैयार है। ओडिशा में हम पहले ही प्रमुख प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय चर्चा कर चुके हैं। आज फिर से इन उपायों को और मजबूत करने के लिए बैठकें हो रही हैं।

संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा जांच

उन्होंने यह भी बताया कि संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा जांच की जा रही है और कुछ क्षेत्रों को एहतियातन सील किया जा रहा है।

ओड़िया निवासियों की सुरक्षित वापसी की भी योजना

राज्य के बाहर रह रहे ओड़िया निवासियों की सुरक्षित वापसी की भी योजना बनाई जा रही है। नई दिल्ली स्थित ओडिशा रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय में 24×7 हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है, ताकि जरूरतमंद ओड़िया नागरिकों को सहायता मिल सके। विशेष रूप से, जम्मू में पढ़ रहे ओड़िया छात्रों को एहतियात के तौर पर दिल्ली स्थानांतरित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें लगातार आपसी समन्वय में काम कर रही हैं और हालात की नियमित समीक्षा कर रही हैं ताकि हर नागरिक की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

Share this news

About desk

Check Also

नई आबकारी नीति इसी माह के अंत तक लागू होगी

तीन वर्षों तक रहेगी प्रभावी दीर्घकालिक सोच के साथ व्यापक नीति की तैयारी – पृथ्वीराज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *