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भुवनेश्वर में मॉक ड्रिल में सायरन की गूंज, सृजित आपदा का डटकर सामना, जीरो कैजुअल्टी

  • आग, बम विस्फोट और मकानों में फंसे लोगों को सफलता निकाला गया

  • भुवनेश्वर में सुरक्षा अधिकारियों ने आपातकालीन स्थिति का सफलतापूर्वक सामना किया

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बुधवार को एक बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थिति से निपटने की अधिकारियों और नागरिकों की तैयारियों का परीक्षण करना था। इस मॉक ड्रिल के तहत आग, बम विस्फोट और मकानों में फंसे लोगों को निकालने जैसे विभिन्न आपदाओं को सृजित किया गया और उनका सामना किया गया और इस पूरी प्रक्रिया में कोई भी कैजुअल्टी नहीं हुई।

इस मॉक ड्रिल का आयोजन केंद्र सरकार के निर्देशानुसार किया गया था, जिसमें शहर की सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता को परखा गया। जैसे ही शाम चार बजे सायरन की आवाज आई, सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दिखाई।

राजमहल चौक पर हुआ मॉक ड्रिल

भुवनेश्वर में राजमहल में आयोजित अभ्यास के दौरान आग लगने और बम विस्फोट की स्थिति को सृजित किया गया था। इसके अलावा, मकानों में फंसे लोगों को भी निकालने की प्रक्रिया का परीक्षण किया गया। इसमें सिविल डिफेंस, दमकल विभाग, पुलिस, चिकित्सा सेवाएं और स्थानीय प्रशासन के कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल हुए।

आग और बम विस्फोट से निपटे

मॉक ड्रिल के दौरान, एक बहुमंजिला इमारत में लोगों के फंसे होने की स्थिति बनाई गई, जिसमें दमकलकर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने रस्सियों के सहारे नीचे उतारा। इसी तरह से राजमहल चौक पर बम विस्फोट की स्थिति भी बनाई गई। धमाके हुए, जिसमें कुछ लोग घायल हुए और उनका तत्काल बचाया गया तथा समय रहते एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया।

इस अभ्यास में स्थानीय पुलिस और नागरिक सुरक्षा टीमों ने बड़ी तत्परता से काम किया, और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।

सफलतापूर्वक आयोजित मॉक ड्रिल

मौके पर उपस्थित सभी अधिकारियों ने इस मॉक ड्रिल को लेकर कहा कि यह ड्रिल हमे आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन करने में मदद करती है। हर टीम ने शानदार काम किया और इस अभ्यास में कोई भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान सभी सुरक्षा पहलुओं का पालन किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि नागरिकों को कोई भी खतरा न हो।

किसी भी परिस्थिति में घबराएं नहीं

मौके पर सिविल डिफेंस, पुलिस प्रशासन अन्य बलों की टीम ने दिखाया कि आपदा या आपातकालीन स्थिति में घबराने की बजाय शांत रहना अत्यंत आवश्यक है। सायरन सुनते ही सबसे पहली बात यह है कि घबराना नहीं चाहिए। इसके बजाय, आपको निर्धारित सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए सही स्थान पर शरण लेनी चाहिए।

सायरन की आवाज पर सुरक्षा मुद्रा अपनाएं

सायरन की आवाज सुनते ही यह जरूरी है कि आप त्वरित प्रतिक्रिया दिखाते हुए सुरक्षा उपायों का पालन करें। सबसे पहलेखुले स्थानों पर जाकर पेट के बल लेट जाएं और सिर को दोनों हथेलियों के बीच रखकर अंगुलियों से कान बंद कर लें। यह मुद्रा हमें शोर और किसी भी संभावित धमाके से बचाव में मदद करती है। इस स्थिति में तब तक रहेंजब तक दूसरा सायरन नहीं बजताक्योंकि यह संकेत होता है कि खतरा टल चुका है। इस समय यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि हम पूरी तरह से सुरक्षित और सतर्क रहेंताकि आपातकालीन स्थिति का सही तरीके से सामना किया जा सके। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में ठंडे दिमाग से काम लेनाआपकी सबसे बड़ी रक्षा होती है।

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