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ओटी, आईसीयू, एसएनसीयू और हाई पावर इकाइयों को प्राथमिकता देने के निर्देश
भुवनेश्वर। राज्य के सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव अस्वथी एस ने लोससेवा भवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर ऑपरेशन थिएटर (ओटी), आईसीयू (आईसीयू), नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) तथा उच्च विद्युत भार वाले इंस्टॉलेशनों जैसे कि सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा, जो अग्नि दुर्घटनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
जनरेटर कनेक्शन में सावधानी
स्वास्थ्य सचिव ने सभी अस्पताल भवनों में जनरेटरों के विद्युत वायरिंग से सुरक्षित और सही कनेक्शन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया ताकि शॉर्ट सर्किट की किसी भी संभावना को टाला जा सके।
अब भवन निर्माण के साथ ही अग्नि सुरक्षा का प्रावधान अनिवार्य
बैठक में यह तय किया गया कि भविष्य में अस्पताल भवनों की योजना बनाते समय ही अग्नि सुरक्षा ढांचे को मूलभूत रूप में शामिल किया जाएगा, जिससे बाद में संरचनात्मक बदलाव की आवश्यकता न पड़े।
15 दिनों में निरीक्षण रिपोर्ट मांगी गई
फायर अधिकारियों, विद्युत निरीक्षकों, सड़क और भवन विभाग के अभियंताओं तथा जिला स्तर के मुख्य चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य अधिकारियों की संयुक्त टीमों को अपने क्षेत्रों के अस्पतालों का निरीक्षण कर अग्नि सुरक्षा से संबंधित कमियों की पहचान, सुधारात्मक उपायों की विस्तृत योजना एवं अनुमानित लागत सहित रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया है।
300 करोड़ की व्यवस्था, जिलों को दिए जाएंगे पर्याप्त फंड
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। स्वास्थ्य सचिव ने आश्वासन दिया कि जिलों को उनकी सुधारात्मक योजनाओं के अनुसार आवश्यक फंड प्रदान किया जाएगा, और इन कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना अनिवार्य होगा।
मॉक ड्रिल, रखरखाव और समीक्षा अनिवार्य
सभी अस्पतालों में स्थानीय अग्निशमन अधिकारियों के सहयोग से नियमित रूप से मॉक ड्रिल, अग्नि सुरक्षा और विद्युत उपकरणों का रखरखाव, तथा नियमित समीक्षा बैठकें करने के निर्देश भी दिए गए।
राज्य स्तरीय संयुक्त टीम को फील्ड विजिट कर कार्यों की प्रगति पर नजदीकी निगरानी रखने को कहा गया है।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में मिशन निदेशक डॉ. डी वृंदा, ओडिशा स्टेट मेडिकल कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक डॉ. पूमा टुडू, चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशक डॉ. संतोष कुमार मिश्रा, फायर सर्विस, सड़क एवं भवन विभाग, पीएचडी तथा वाटको के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विशेष सचिव एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक विजय कुमार महापात्र ने विषय प्रवेश कर प्रमुख मुद्दों और अद्यतन जानकारी प्रस्तुत की।