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ओडिशा मंडप बना वैश्विक पर्यटन उद्योग का केंद्रबिंदु
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डिजिटल अनुभव और सांस्कृतिक विरासत का संगम
भुवनेश्वर। राजस्थान में ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (जीआईटीबी) 2025 के पहले दो दिनों में ओडिशा पर्यटन ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए देश-विदेश के पर्यटन प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया। ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा की उपस्थिति में ओडिशा मंडप का उद्घाटन हुआ, जो विश्वभर के भ्रमण संयोजकों, आयोजन नियोजनकर्ताओं तथा यात्रा लेखकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना।
मंडप को इस प्रकार सजाया गया था कि आगंतुक ऑगमेंटेड रियलिटी और काल्पनिक यथार्थता (वर्चुअल रियलिटी) तकनीकों के माध्यम से कोणार्क, सातकोसिया, चिलिका तथा भितरकनिका जैसे प्रमुख स्थलों की आभासी यात्रा कर सकें। यह कथानक-प्रस्तुति आधारित डिजिटल अनुभव विदेशी भ्रमण संयोजकों और अन्य दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण बना रहा।
ओड़िया आतिथ्य का स्वाद भी रहा अविस्मरणीय
मंडप में पारंपरिक ओड़िया व्यंजन अरिसा पीठा और खाजा से अतिथियों का स्वागत किया गया, जिससे ओडिशा की समृद्ध पाकशैली की झलक मिली। सरलता और आत्मीयता से परोसे गए इन व्यंजनों को देश-विदेश के दर्शकों ने खूब सराहा।
उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी
पर्यटन विभाग के आयुक्त-सह-सचिव बलवंत सिंह (भारतीय प्रशासनिक सेवा), पर्यटन निदेशक सुश्री मानसी निम्भाल (भारतीय प्रशासनिक सेवा) तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से विचार-विमर्श कर राज्य की पर्यटन नीतियों, प्रस्तावित परियोजनाओं तथा सहयोग के अवसरों को साझा किया।
उपमुख्यमंत्री ने सहभागिता हेतु आमंत्रण दिया
उपमुख्यमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में पर्यटन जगत के प्रतिनिधियों से ओडिशा के तेजी से उभरते पर्यटन परिदृश्य में सहभागिता हेतु आमंत्रण दिया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार नीति आधारित प्रोत्साहन, प्रक्रियाओं का सरलीकरण, तथा एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से समस्त आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।
बौद्ध धरोहर मार्ग की दी गई जानकारी
मंडप में प्रकृति शिविर ओडिशा (ईको रिट्रीट), वन्य जीवन पर्यटन, और बौद्ध धरोहर मार्ग की जानकारी दी गई, जो राज्य के अनुभव आधारित तथा उच्च मूल्यवर्गीय पर्यटन की समेकित दृष्टि को प्रकट करते हैं।
व्यवसायिक बैठकों में सहयोग के संकेत
इन दो दिनों में पैंतीस से अधिक विदेशी भ्रमण संयोजकों तथा स्थल प्रबंधन कंपनियों ने पर्यटन विभाग के साथ व्यापार-से-व्यापार (बी टू बी) तथा शासन-से-व्यवसाय (जी टू बी) बैठकों में भाग लिया। इन संवादों में आध्यात्मिक भ्रमण, आयोजन पर्यटन, प्रकृति पर्यटन, तथा सीमापार यात्रा कार्यक्रमों के संदर्भ में संभावनाएं तलाशीं गईं। इन चर्चाओं से यह स्पष्ट हुआ कि ओडिशा के विचारित पर्यटन उत्पादों, निवेश योग्य स्थलों और सहयोगी नीति तंत्र में वैश्विक स्तर पर गहरी रुचि है।
दीर्घकालिक सहयोग की दिशा में प्रयास
जीआईटीबी 2025 में ओडिशा की भागीदारी राज्य की रणनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रभावशाली प्रस्तुति, सजीव जुड़ाव, और सार्थक भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय हितधारकों से मजबूत संबंध बनाना है। आगामी सत्रों में आयोजित होने वाली बैठकों के माध्यम से स्थायी सहयोग की दिशा में और अधिक प्रगति की उम्मीद की जा रही है।