- भारत-पाक तनाव के बीच राज्य सरकार ने शुरू की तैयारी
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित सैन्य तनाव की आशंका के मद्देनज़र ओडिशा सरकार ने राज्यभर में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) अभ्यास की तैयारी शुरू कर दी है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 7 मई 2025 को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इसी निर्देश के तहत ओडिशा के 12 संवेदनशील जिलों में सघन अभ्यास किया जाएगा।
रणनीतिक दृष्टि से चिन्हित किए गए जिले
इन अभ्यासों के लिए जिन 12 जिलों को चिन्हित किया गया है, वे राज्य के रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन जिलों में बालेश्वर का चांदीपुर, धमरा, राज्य की राजधानी भुवनेश्वर, तालचर, कोरापुट, गोपालपुर, हीराकुद, राउरकेला, पारादीप, भद्रक, ढेंकानाल, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी श्रेणीबद्ध सूची के अनुसार:
- श्रेणी-1: तालचर
- श्रेणी-2: बालेश्वर, कोरापुट, भुवनेश्वर, गोपालपुर, हीराकुद, राउरकेला और पारादीप
- श्रेणी-3: भद्रक, ढेंकानाल, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा
इन सभी जिलों में रणनीतिक ठिकानों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
अभ्यास में होंगे एयर रेड, ब्लैकआउट और बचाव ऑपरेशन
ड्रिल के दौरान एयर रेड (हवाई हमले), ब्लैकआउट, आपातकालीन निकासी योजना और बचाव अभियानों का अभ्यास किया जाएगा। नागरिकों को इस ड्रिल के बारे में पूर्व सूचना दी जाएगी और उनसे अपेक्षा की गई है कि वे इसे एक प्रशिक्षण अवसर के रूप में लें और प्रशासन का पूरा सहयोग करें।
इसके साथ ही कटक, पुरी और पारादीप पोर्ट जैसे अन्य ज़िले, जहां रक्षा प्रतिष्ठान, प्रशासनिक मुख्यालय और महत्वपूर्ण बंदरगाह हैं, उन्हें भी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में माना जा रहा है। इन क्षेत्रों में भी भविष्य में मॉक ड्रिल की संभावना जताई गई है।
गृह मंत्रालय ने पूरे देश में मॉक ड्रिल के दिए निर्देश
यह निर्णय केंद्र सरकार के उस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत लिया गया है जिसमें गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 को देश के सभी 244 चिन्हित नागरिक सुरक्षा जिलों में मॉक ड्रिल कराने का आदेश दिया है। इसका उद्देश्य जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक सभी प्रशासनिक इकाइयों की आपात प्रतिक्रिया प्रणाली, समन्वय क्षमता और भारतीय वायुसेना के साथ संपर्क तंत्र की प्रभावशीलता को परखना और सुधारना है।
ड्रिल के दौरान नागरिकों को शांति बनाए रखने, अफवाहों से बचने और अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी चिंता
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने ली थी। इस घटना के बाद भारत सरकार ने सेना को पूरी छूट दी है और नागरिक सुरक्षा तंत्र को देशभर में सक्रिय किया जा रहा है।
ओडिशा सरकार द्वारा लिए गए ये कदम यह दर्शाते हैं कि राज्य न केवल संभावित सैन्य खतरे को गंभीरता से ले रहा है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए समय रहते आवश्यक तैयारी भी कर रहा है।
राज्य सरकार ने सभी संबंधित जिलों के प्रशासन को निर्देशित किया है कि वे मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करें और आम लोगों को जागरूक करें ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।