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ओडिशा में बंगाल के प्रवासी मजदूरों पर अत्याचार के आरोप भ्रामक – अनिल
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भाजपा नेता का पलटवार
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बोले – वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को प्रवासी मजदूर बताना देश के साथ धोखा
भुवनेश्वर। तृणमूल कांग्रेस सांसद युसूफ पठान द्वारा ओडिशा में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे गए पत्र पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विश्वाल ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और पठान के आरोपों को बेहद भ्रामक और राजनीतिक हितों से प्रेरित बताया है।
मुर्शिदाबाद से सांसद युसूफ पठान ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि ओडिशा में कार्यरत पश्चिम बंगाल के जिलों जैसे मुर्शिदाबाद और ब्रह्रमपुर के मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि इन मजदूरों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित की जा सके।
विश्वाल का तीखा जवाब
इसके जवाब में भाजपा नेता अनिल विश्वाल ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पठान जिन लोगों को प्रवासी मजदूर कह रहे हैं, उनमें से अधिकांश बांग्लादेश और रोहिंग्या समुदाय के अवैध घुसपैठिए हैं, जिन्हें बनावटी दस्तावेजों के जरिए भारत में दाखिल कराया गया है। यह सब पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा वोट बैंक की राजनीति के तहत किया गया है।
उन्होंने लिखा कि ये कथित मजदूर ओडिशा की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को नुकसान पहुंचा रहे हैं और फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर अन्य राज्यों में वैध नागरिक बनने का नाटक कर रहे हैं।
पठान की चुप्पी पर सवाल
विश्वाल ने पठान की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि जब मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हमले हो रहे थे, तब आपकी आवाज़ कहां थी?
राष्ट्रहित बनाम मानवाधिकार का मुखौटा
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि यह समय है जब हमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और अवैध घुसपैठ के खिलाफ लड़ना चाहिए, ना कि ऐसे लोगों का बचाव करना चाहिए जो मानवाधिकार का मुखौटा पहनकर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।