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शिल्पपुरी बालुघाट में रात के अंधेरे में चल रहा अवैध खनन

  • पुलिसकर्मी की मौत से मामला गरमाया

कटक। कटक शहर में अवैध बालू खनन की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे न केवल पर्यावरणीय असंतुलन की आशंका बढ़ी है, बल्कि शहर की नदी तटबंध भी खतरे में पड़ गए हैं। शिल्पपुरी बालुघाट क्षेत्र सहित कई इलाकों में बालू माफिया खुलेआम नियमों की अनदेखी करते हुए बालू निकाल रहे हैं, जबकि प्रशासन इस पर प्रभावी रोक लगाने में संघर्ष कर रहा है।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बालू माफिया रात के समय भारी मशीनों का उपयोग कर नदी की तलहटी से बड़े पैमाने पर बालू निकाल रहे हैं। यह कार्य पूरी तरह से नियमों और सरकारी निषेधों की अवहेलना करता है। खास बात यह है कि वैध पट्टों की मौजूदगी के बावजूद कई क्षेत्रों को अवैध खनन का अड्डा बना दिया गया है।

नदी का प्रवाह बदलने की आशंका

स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इस तरह का अवैध खनन नदी की धारा को बदल सकता है, जिससे पारिस्थितिकीय संतुलन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। इससे तटीय क्षेत्रों में भू-स्खलन, बाढ़ जैसी आपदाएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

हालही में हुई थी दो जवानों की मौत

हाल ही में एक दर्दनाक घटना में बालू से भरे एक ट्रक की टक्कर पुलिस वाहन से हो गई थी, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस घटना ने प्रशासन और जनता दोनों को झकझोर कर रख दिया है और इस अवैध कारोबार की गंभीरता को उजागर किया है।

कार्रवाई की तैयारी में पुलिस और खनन विभाग

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कटक पुलिस और खनन विभाग ने संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान तेज करने की योजना बनाई है। अधिकारियों ने कहा कि अवैध खनन में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कटक के डीसीपी खिलारी ऋषिकेश ज्ञानदेव ने कहा कि बालू का खनन कानून के अनुसार ही होना चाहिए और परिवहन भी तभी जब वैध अनुमति हो। परमिट देने की जिम्मेदारी खनन विभाग की है, लेकिन हम उनके साथ समन्वय में लगातार काम कर रहे हैं।

राजस्व हानि और सुरक्षा पर भी सवाल

अवैध खनन न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि इससे सरकार को भारी राजस्व की हानि भी हो रही है। साथ ही, सार्वजनिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि ऐसे कार्यों में संलिप्त वाहन अनियंत्रित रूप से सड़कों पर दौड़ते हैं। अब स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों की मांग है कि सरकार सख्त कानून बनाकर इस पर तत्काल रोक लगाए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

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