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1,191.47 करोड़ रुपये की आएगी लागत
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इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 149.97 मेगावाट होगी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए सात नई परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 149.97 मेगावाट होगी और इन पर लगभग 1,191.47 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह निर्णय ओडिशा अक्षय ऊर्जा नीति–2022 के तहत ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव विशाल देव की अध्यक्षता में आयोजित 10वीं सिंगल विंडो कमेटी (एसडब्ल्यूसी) की बैठक में लिया गया।
इन सात परियोजनाओं में राज्य की ऊर्जा क्षमता को विविध रूप में बढ़ाने वाली योजनाएं शामिल हैं, जिनमें पवन, सौर और बैटरी भंडारण प्रौद्योगिकी आधारित ऊर्जा संयोजन हैं। यह राज्य की पहली ऊर्जा भंडारण परियोजना होगी, जिससे ग्रिड की स्थिरता और ऊर्जा आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
निम्न परियोजनाओं को हरी झंडी
– दो पवन ऊर्जा परियोजनाएं – कुल क्षमता: 95.7 मेगावाट
– चार ग्राउंड-बेस्ड सौर ऊर्जा परियोजनाएं – कुल क्षमता: 53.97 मेगावाट
– एक बैटरी स्टोरेज परियोजना – क्षमता: 0.6 मेगावाट ऑवर (एमडब्ल्यूएच)
अक्षय ऊर्जा में निवेश को लेकर सरकार प्रतिबद्ध
प्रमुख सचिव विशाल देव ने बैठक में कहा कि अक्षय ऊर्जा न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए जरूरी है, बल्कि यह सतत आर्थिक विकास को भी गति देती है। उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों को सभी आवश्यक अनुमतियों और संसाधनों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है ताकि स्वीकृत परियोजनाओं का कार्यान्वयन समय पर और प्रभावी ढंग से हो सके।
पिछली परियोजनाओं की समीक्षा भी हुई
बैठक में इससे पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। अब तक एसडब्ल्यूसी द्वारा कुल 1,707.56 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को 12,387.36 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के तहत सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है।
ओडिशा बन रहा है हरित ऊर्जा का हब
राज्य सरकार की योजना ओडिशा को एक हरित ऊर्जा हब के रूप में विकसित करने की है, जिसमें पवन, सौर, जल, हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज जैसे विभिन्न स्रोतों पर फोकस किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।