-
अंडर प्राइस सेलिंग से विदेशी ताकतें कर रहीं हमला – जितेंद्र गुप्ता
-
कैट ओडिशा के अध्यक्ष ने जताई गहरी चिंता, केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच की मांग
भुवनेश्वर। भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है, जिसमें ‘अंडर प्राइस सेलिंग’ को हथियार बनाया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के ओडिशा चैप्टर के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने यह गंभीर दावा करते हुए कहा कि विदेशी ताकतें जानबूझकर भारत की बाजार व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।
उच्च दामों पर वस्तुएं खरीद कर बेहद कम कीमत पर हो रही बिक्री
गुप्ता ने कहा कि कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियां या उनके प्रतिनिधि भारत में उच्च दामों पर वस्तुएं खरीदते हैं, लेकिन उन्हें बाजार में बेहद कम कीमत पर बेचते हैं। इसका मकसद केवल बाजार में असंतुलन पैदा करना, सरकार के राजस्व को चोट पहुंचाना और स्थानीय छोटे व्यापारियों को पूरी तरह खत्म करना है।
कैट ओडिशा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस गंभीर विषय को उठाया।
इसमें कैट के नेशनल चेयरमैन बृजमोहन अग्रवाल, ओडिशा चैप्टर के सचिव अमित दारूका, उपाध्यक्ष (सदस्यता अभियान) रमा शंकर रूंगटा, भुवनेश्वर चैप्टर के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल और कार्यरत अध्यक्ष अमित अग्रवाल शामिल हुए।
छोटे व्यापारियों पर सीधा प्रभाव
जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस प्रकार की ‘अंडर प्राइस सेलिंग’ से छोटे और मझोले व्यापारी भारी दबाव में हैं। वे बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे और रोज़गार के अवसर भी समाप्त होते जा रहे हैं। यह एक तरह से आर्थिक आतंकवाद है, जो देश के व्यापारिक ढांचे को भीतर से खोखला कर रहा है।
राजस्व को भी भारी नुकसान
सरकार को इससे कर संग्रहण में भी बड़ा नुकसान हो रहा है। वस्तुओं की कीमतें कम दिखाकर या कम दाम पर बेचकर टैक्स चोरी की जा रही है और इस पूरी प्रक्रिया को ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ से भी जोड़ा जा सकता है।
केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
कैट ओडिशा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस तरह की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए और विदेशी ताकतों की साजिश की गहन जांच की जाए। इस तरह की अंडर वैल्यू इनवॉइसिंग और बिक्री को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराध के दायरे में लाकर कार्रवाई की जाए।
स्थानीय व्यापारियों को मिले संरक्षण
कैट ने सुझाव दिया है कि देश के छोटे व्यापारियों को संरक्षण देने के लिए सरकार को अलग से नीति बनानी चाहिए और भारत के आर्थिक हितों के खिलाफ काम कर रही ताकतों पर लगाम लगानी चाहिए।
छोटे व्यापारी हो सकते हैं तबाह
यह स्पष्ट है कि यदि समय रहते इस अंडर प्राइस सेलिंग की प्रवृत्ति को नहीं रोका गया, तो देश की अर्थव्यवस्था और खासकर छोटे व्यापारी तबाह हो सकते हैं। कैट की ओर से दी गई चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए सरकार को न केवल तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीति भी बनानी चाहिए ताकि भारत की आर्थिक नींव मजबूत बनी रहे।