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ओडिशा विजन 2036’ पर भी चर्चा की शुरूआत
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित ओडिशा कैबिनेट की अहम बैठक में छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। ये फैसले राज्य के दीर्घकालिक रणनीतिक विकास की दिशा तय करने वाले माने जा रहे हैं। खास बात यह रही कि बैठक में ‘ओडिशा विजन डॉक्युमेंट 2036’ पर भी चर्चा प्रारंभ हुई, जो राज्य के विकास की दिशा और दशा तय करेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों ने इस दस्तावेज को राज्य के सतत विकास का मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि यह आने वाले दशक में ओडिशा को सामाजिक, आर्थिक, और बुनियादी ढांचे के लिहाज से नई ऊंचाइयों पर ले जाने की रूपरेखा प्रस्तुत करेगा।
आपातकालीन चिकित्सा एंबुलेंस सेवा योजना को पांच वर्षों के लिए मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में आपातकालीन चिकित्सा एंबुलेंस सेवा (ईएमएएस) योजना को 2023-24 से 2027-28 तक के लिए मंजूरी दी गई। यह योजना केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं ओडिशा सरकार के संयुक्त प्रयास से संचालित होगी।
मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने बताया कि यह सेवा प्रदेशवासियों को पूर्व-चिकित्सालय आपातकालीन सेवा प्रदान करने में सहायक रही है। यह सेवा 5 मार्च 2013 से ओडिशा में संचालित है और अब तक लाखों लोगों की जीवन रेखा साबित हो चुकी है।
वर्तमान में राज्य में 866 एंबुलेंस (जिसमें उन्नत जीवन रक्षक, सामान्य जीवन रक्षक और नौका एंबुलेंस शामिल हैं) 24 घंटे एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर के माध्यम से सेवाएं दे रही हैं।
द्वितीय चरण के तहत योजना अगले पांच वर्षों में 11 से 12 लाख मरीजों को लाभ पहुंचाने की क्षमता रखती है, जिनमें गर्भवती महिलाएं और बच्चे प्रमुख हैं। योजना के तहत औसतन 20 मिनट में प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित किया जाएगा।
योजना को खुले निविदा प्रक्रिया के जरिए चयनित निजी संस्था के माध्यम से लागू किया जाएगा और इसका वित्तपोषण प्रतिपूर्ति आधारित प्रणाली पर होगा। इसके लिए 2398.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
केन्दुझर में सिंचाई के लिए 108 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी
कैबिनेट ने केन्दुझर जिले में एकीकृत आनंदपुर बैराज परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण भाग के लिए 108 करोड़ रुपये (जीएसटी छोड़कर) की निविदा को भी मंजूरी दे दी। इस परियोजना का उद्देश्य जिले के आनंदपुर, हाताढीही और घासीपुरा ब्लॉकों में 3,450 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है।
परियोजना के अंतर्गत 2,221 हेक्टेयर भूमि को बैतरणी बांए तट नहर (0.00 से 28.50 किलोमीटर तक) और 1,229 हेक्टेयर भूमि को बैतरणी दाहिने तट नहर (0.00 से 9.00 किलोमीटर तक) से सिंचित किया जाएगा।
18 महीनों में इस कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। यह पूरी योजना आनंदपुर बैराज परियोजना का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 60,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई से जोड़ना है, जिसमें केन्दुझर और बालेश्वर जिले शामिल हैं। इस परियोजना से किसानों की कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, सिंचाई की नियमितता सुनिश्चित होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार आएगा। यह निर्णय राज्य सरकार की कृषि विकास एवं ग्रामीण समृद्धि की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।