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वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का दौरा करने का मुख्य सचिव का निर्देश
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जमीनी चुनौतियों को समझने की पहल हुई शुरू
भुवनेश्वर। राज्य में जनसेवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने और शासन को धरातली हकीकत से जोड़ने की दिशा में ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से जिलों का दौरा करें और क्षेत्रीय स्तर के कर्मचारियों के साथ सीधे संवाद स्थापित करें।
मुख्य सचिव का मानना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के ये दौरे केवल प्रतीकात्मक नहीं होने चाहिए, बल्कि शासन को अधिक उत्तरदायी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतिगत निर्णयों के लिए जमीनी अनुभव अत्यंत आवश्यक है। इससे तेजी से और व्यावहारिक निर्णय लिए जा सकते हैं।
नीति और क्रियान्वयन के बीच की दूरी होगी कम
मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारियों को जमीनी परियोजनाओं और योजनाओं की वास्तविक स्थिति का अनुभव करना चाहिए, ताकि नीति और क्रियान्वयन के बीच की खाई को पाटा जा सके। इस दिशा में उन्होंने अधिकारियों को इस माह से जिलों का दौरा शुरू करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें प्राथमिकता आकांक्षी जिलों को दी जाएगी। दौरे के दौरान अधिकारियों को स्थानीय कर्मचारियों के दैनिक कार्यों की निगरानी करनी होगी, विकास योजनाओं की प्रगति और प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना होगा, और प्रशासनिक अड़चनों को समझना होगा। इसके अलावा, स्थानीय लाभार्थियों और समुदाय के प्रतिनिधियों से संवाद को भी प्रोत्साहित किया गया है, जिससे एक जन-केंद्रित दृष्टिकोण विकसित हो।
रात्रि प्रवास से बढ़ेगा विश्वास
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दौरे वाले स्थानों में रात्रि प्रवास करने की भी सलाह दी है। इससे वे न केवल स्थानीय परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे, बल्कि समुदायों के साथ विश्वास भी स्थापित कर सकेंगे। ऐसी गहन उपस्थिति से वे अनुभव प्राप्त कर सकेंगे जो केवल कार्यालय में बैठकर नहीं मिल सकते।
अवलोकन रिपोर्ट बनेगी नीति समीक्षा का आधार
इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने दौरे के अनुभवों और अवलोकनों को दस्तावेज करें और उन्हें नियमित रूप से सचिवालय में होने वाली उच्चस्तरीय समीक्षा बैठकों में प्रस्तुत करें। ये रिपोर्टें नीतियों में सुधार और विभागों के बीच बेहतर समन्वय के लिए महत्वपूर्ण फीडबैक के रूप में काम करेंगी।