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ओडिशा सरकार ने गठित की उच्चस्तरीय समिति
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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान हुआ निर्णय
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बैठक में कोटिया विवाद की जटिलताओं पर विस्तार से हुई चर्चा
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने कोरापुट जिले के सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयासों को तेज करते हुए राजस्व विभाग के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति के गठन का निर्णय लिया है। यह अहम फैसला मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया।
इस बैठक में उच्च शिक्षा, विधि और राजस्व विभागों के मंत्रियों के साथ-साथ मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भी मौजूद थे। बैठक में कोटिया विवाद की जटिलताओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
कोटिया गांवों के समूह को लेकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच 1920 से ही सीमा विवाद चला आ रहा है। समय-समय पर इस क्षेत्र में प्रशासनिक उपस्थिति की कमी और विकास के अभाव ने विवाद को और जटिल बना दिया है।
समिति में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ शामिल
नई गठित समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारी और कोटिया के भू-राजनीतिक पहलुओं से परिचित विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। समिति को स्थल निरीक्षण, आंकड़ा संग्रहण और स्थिति की निरंतर निगरानी का दायित्व सौंपा जाएगा। समिति के सदस्यों की अंतिम सूची 15 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी।
सीमा सुरक्षा और सेवाओं पर सरकार का फोकस
समिति का एक प्रमुख कार्य यह भी होगा कि आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा कोटिया क्षेत्र के निवासियों को दिए जा रहे आर्थिक प्रलोभनों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके। साथ ही, ओडिशा सरकार का उद्देश्य है कि राज्य और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाएं सीमा क्षेत्र के हर कोने तक पहुंचे, जिससे बाहरी प्रभाव को रोका जा सके और प्रशासनिक पकड़ मजबूत हो।
स्थलीय निरीक्षण के आधार पर उपाय सुझाएगी समिति
समिति गठन के बाद कोटिया क्षेत्र में स्थल निरीक्षण कर जमीनी हालात की गहराई से समीक्षा की जाएगी और ओडिशा की भौगोलिक अखंडता सुनिश्चित करने के लिए ठोस और क्रियान्वयन योग्य सुझाव सरकार को सौंपे जाएंगे। बताया गया है कि यह पहल ओडिशा सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत वह राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी समाधान और विकास को प्राथमिकता दे रही है।