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ओडिशा में मजदूरों के विस्थापन को रोकने के लिए मंथन

  • दुग्ध उत्पादन से रोजगार बढ़ाने पर जोर

भुवनेश्वर। ग्रामीण लोगों और महिलाओं की आजीविका सशक्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और उन्हें स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने पर गंभीरता से कार्य कर रही है। यह बातें उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने आज लोक सेवा भवन के सम्मेलन कक्ष में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कहीं। बैठक का उद्देश्य श्रमिकों के जबरन पलायन की समस्या को कम करना था।

बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने की, जो वर्तमान में जबरन पलायन को रोकने हेतु गठित टास्क फोर्स के अध्यक्ष भी हैं। बैठक में श्रम एवं कर्मचारी राज्य बीमा मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर एसबीएम एडवाइजर एलएलपी नामक एक कंपनी ने श्रमिकों के विस्थापन की समस्या को दुग्ध उत्पादन के माध्यम से कम करने पर आधारित प्रस्तुति दी। उन्होंने सुझाव दिया कि ओडिशा में दुग्ध उत्पादन और पशुपालन को बढ़ावा देकर ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर श्रम पलायन की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

सिंहदेव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रमिकों के विस्थापन के कारण अलग-अलग जिलों में अलग हो सकते हैं, अतः उसका गहराई से विश्लेषण कर उपयुक्त समाधान निकालें। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन और पशुपालन के जरिए ग्रामीण लोगों की आजीविका को स्थायी रूप से मजबूत किया जा सकता है।

बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि सरकार द्वारा चल रही योजनाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहन दिया जाए, जिससे वे भी इस दिशा में आगे आएं और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराएं।

इस बैठक में प्रमुख सचिव डॉ अरविंद कुमार पाढ़ी, चित्रा अरुमुगम, सुरेश कुमार वशिष्ठ, गिरीश एसएन, कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग, श्रम एवं ईएसआई विभाग, मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग, पंचायती राज और पेयजल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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