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जनकी बल्लभ पटनायक की 10वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस भवन में श्रद्धांजलि सभा
भुवनेश्वर। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, साहित्यकार एवं असम के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय जनकी बल्लभ पटनायक की 10वीं पुण्यतिथि पर एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह आयोजन कांग्रेस भवन, भुवनेश्वर में सम्पन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष डॉ. आर्य कुमार ज्ञानेंद्र ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत जनकी बाबू की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुई। वरिष्ठ पत्रकार प्रदोष पटनायक, प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. बुद्धदेब मिश्र और डॉ. असित मोहंती द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर सभा का उद्घाटन किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रदोष पटनायक ने कहा कि जनकी बाबू ओडिशा के चहुंमुखी विकास के लिए सदैव चिंतित रहते थे। वे आमजन के दुःख-दर्द को आत्मसात कर सकते थे। उन्होंने 1982 की विनाशकारी बाढ़ से राज्य को प्रभावी रूप से उबारा। उनके शासनकाल में राज्य में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई। आज जो कुछ भी ओडिशा में विकास दिखाई देता है, वह कहीं न कहीं जनकी बाबू के स्वप्न का परिणाम है।
डॉ. मिश्र और डॉ. मोहंती ने अपने संबोधन में कहा कि जनकी बाबू हर घर में ‘भागवत ग्रंथ’ पहुँचाने का सपना देखते थे। यदि आज हम उनके इस संकल्प को साकार कर सकें, तो वही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पूर्व सांसद अनंत प्रसाद सेठी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भुवनेश्वर को विकसित करने में जनकी बाबू की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने ओड़िया अस्मिता को उच्च प्राथमिकता दी और सरकारी तंत्र में ओड़िया भाषा के व्यापक प्रयोग को बढ़ावा दिया।
सभा में पूर्व पीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक, जयदेव जेना, पूर्व सांसद डॉ. रामचंद्र खुंटिया, पूर्व मंत्री सुरेश कुमार राउतराय, वरिष्ठ नेता शिवानंद राय, रजनी मोहंती, मनोज रथ, सिप्रा मलिक सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
वक्ताओं ने कहा कि जनकी बाबू धैर्य और नेतृत्व के प्रतीक थे। वे युवाओं में विश्वास रखते थे और उन्हें जिम्मेदारी देकर नेतृत्व विकसित करने का कार्य करते थे। ‘हजार दिन में हजार उद्योग’ और ‘किसानों को आसान ऋण’ जैसी योजनाएं उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण हैं।
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