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कानून को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए देगी जानकारियां
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‘वक्फ सुधार जन-जागरूकता अभियान’ के तहत कार्यशाला 22 और 23 अप्रैल को
भुवनेश्वर। ओडिशा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर बढ़ते मुस्लिम विरोध के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 22 और 23 अप्रैल को सभी जिलों में जन-जागरूकता संगोष्ठियों के आयोजन की घोषणा की है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य वक्फ कानून को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करना और लोगों को इसके प्रावधानों के बारे में जानकारी देना है।
भाजपा ने ‘वक्फ सुधार जन-जागरूकता अभियान’ के तहत एक कार्यशाला आयोजित कर राज्यव्यापी जागरूकता अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुश्यंत कुमार गौतम ने कहा कि पार्टी जनता तक यह संदेश पहुंचाएगी कि वक्फ कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि समुदाय के कल्याण के लिए है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ संशोधन अधिनियम के माध्यम से इस व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। वक्फ बोर्ड की संपत्तियां धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए हैं, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इन संपत्तियों का भारी दुरुपयोग और भ्रष्टाचार हुआ।
गौतम ने आरोप लगाया कि कई निर्दोष लोगों की संपत्तियों को गलत तरीके से वक्फ घोषित कर छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि अब समय बदल गया है और गरीबों को उनका हक मिलेगा। इस संशोधन की देश के संतुलित विकास के लिए आवश्यकता थी।
उन्होंने दावा किया कि संशोधित अधिनियम वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और मुस्लिम समुदाय के गरीबों और महिलाओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका यह दावा कि मुस्लिम समुदाय को इस कानून से नुकसान होगा, “पूरी तरह से झूठ और भ्रामक” है।
गौतम ने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य और मंडल स्तर तक लोगों को वक्फ अधिनियम के बारे में जागरूक करना जरूरी है। इसी क्रम में, ओडिशा भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा कि पार्टी 25 अप्रैल को मंडल स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी।
मुस्लिम समुदाय का विरोध प्रदर्शन
इस बीच, ओडिशा संख्यालघु समिति (ओडिशा अल्पसंख्यक समिति) के बैनर तले मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने गांधी भवन से कलेक्टर कार्यालय, कटक तक रैली निकाली और अधिनियम की वापसी की मांग की। उन्होंने इसे “अलोकतांत्रिक” करार दिया।
प्रदर्शनकारियों ने आंध्र प्रदेश, बिहार के मुख्यमंत्रियों और ओडिशा के विपक्ष के नेता के पुतले जलाए और उन पर मुसलमानों के विश्वास से धोखा करने का आरोप लगाया।
समिति के अध्यक्ष सामी सलीम ने कहा कि हमने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की वापसी की मांग करते हुए कटक कलेक्टर के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है।