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कहा- राज्य में आर्थिक बदलाव को लेकर लोग उत्साहित
भुवनेश्वर। विकसित ओडिशा-2036 विजन को सिर्फ सरकार की योजना न मानें। यह राज्य के हर नागरिक का सपना और साझा प्रयास है। हम इस विजन को साकार करने के लिए जनभागीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह कहना है विकास आयुक्त एवं जल संसाधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग का।
वह एक प्रमुख कार्यक्रम में बोल रही थीं, जहां उन्होंने बताया कि इस विजन को लेकर प्रदेश भर में संवाद और सुझाव संग्रह की प्रक्रिया चल रही हैं। हमने एक बोतल रखी, जिसमें आम नागरिकों से उनके सपनों का ओडिशा कैसा हो, इस पर सुझाव मांगे। हमें छात्र, किसान, मजदूर, सभी वर्गों से 3 लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं। यह दिखाता है कि लोग बदलाव को लेकर कितने उत्साहित हैं।
तीन प्रमुख स्तंभ: समृद्धि, स्वास्थ्य और समानता
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान तीन मुख्य स्तंभों पर है- समृद्धि, वेलनेस (स्वास्थ्य), और इक्विटी (समानता)। हम चाहते हैं कि 2036 तक राज्य की अर्थव्यवस्था पांच गुना बढ़े और जीडीपी में ओडिशा की भागीदारी 5 प्रतिशत तक पहुंचे।
बहुआयामी गरीबी में उल्लेखनीय सुधार
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य ने बहुआयामी गरीबी में उल्लेखनीय सुधार किया है। पिछले कुछ वर्षों में 66 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं और लक्ष्य है कि 2036 तक यह आंकड़ा 5% से भी नीचे लाया जाए।
नौकरियों और शहरीकरण पर विशेष फोकस
अनु गर्ग ने बताया कि गैर-कृषि क्षेत्र में हर वर्ष 5 लाख नई नौकरियों का सृजन करना लक्ष्य है। इसके साथ-साथ, वर्तमान 17% शहरीकरण को 60% तक बढ़ाना भी विकास के इंजन के रूप में देखा जा रहा है।
महिला सशक्तिकरण और सतत विकास पर जोर
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि 2036 तक 70% महिलाएं कार्यबल का हिस्सा बनें। समावेशी और टिकाऊ विकास तभी संभव है जब हर क्षेत्र और वर्ग को समान अवसर मिले।
टेक्नोलॉजी, लॉजिस्टिक्स और टूरिज्म होंगे ग्रोथ ड्राइवर
भविष्य की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में राज्य बड़े निवेश की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि हम 2029 तक एकीकृत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क तैयार करेंगे, जो 75,000 किलोमीटर में फैला होगा। अंत में अनु गर्ग ने कहा कि विजन तभी सफल होगा जब संस्थाएं मजबूत हों, नीतियां स्पष्ट हों और जनभागीदारी सशक्त हो। हमारे पास अवसर भी है और आकांक्षा भी है। अब आवश्यकता है सामूहिक प्रयास की।
वह आईसीसी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। इसका विषय विकसित ओडिशा-2036 की परिकल्पना था। सन् 1925 में स्थापित भारतीय वाणिज्य मंडल आज भारत सहित 25 से अधिक देशों में सक्रिय है और उद्यमिता, प्रशिक्षण, कौशल विकास तथा व्यापार विस्तार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य युवाओं और नवोदित व्यवसायियों को प्रशिक्षण, दिशा-निर्देशन और विकास का अवसर प्रदान करना रहा।