-
कहा- खनिज संसाधनों से राज्य रचेगा औद्योगिक सफलता की नई कहानी
-
राज्य की विकास दर को बताया संतुलित और स्थिर
-
कलिंगनगर, झारसुगुड़ा और मालकानगिरि इंडस्ट्रियल ट्रायंगल
-
सेवा, कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में संतुलन के साथ है तेज प्रगति
भुवनेश्वर। ओडिशा अब देश के लिए एक संतुलित और स्थिर आर्थिक विकास का आदर्श मॉडल बनकर उभर रहा है। सेवा, कृषि और विनिर्माण, तीनों क्षेत्रों में संतुलन के साथ तेज़ प्रगति की ओर बढ़ते इस राज्य की अगली पहचान विकसित औद्योगिक शक्ति के रूप में होगी। यह कहना है ओडिशा सरकार के उद्योग एवं एमएसएमई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा का।
हेमंत शर्मा ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 30%, विनिर्माण का 40% और सेवा क्षेत्र का 30% है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सेवा क्षेत्र को भी विनिर्माण के स्तर तक पहुँचाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि तीनों सेक्टर राज्य के विकास की समान रीढ़ बनें।
वैल्यू एडिशन से चमकेगा ओडिशा का खनिज वैभव
खनिज संसाधनों के दोहन में अब सिर्फ खनन नहीं, बल्कि वैल्यू एडिशन पर जोर देने की जरूरत है। शर्मा ने कहा कि ओडिशा देश का पहला राज्य बनना चाहता है जो अपने खनिजों को केवल निर्यात नहीं, बल्कि उनका प्रसंस्करण कर उच्च मूल्य वाले उत्पाद बनाकर देश के औद्योगिक नक्शे पर नेतृत्व करे।
कलिंगनगर, झारसुगुड़ा, मालकानगिरि बनेंगे औद्योगिक ग्रोथ सेंटर
उन्होंने बताया कि सरकार ने कलिंगनगर, झारसुगुड़ा और मालकानगिरि को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। यह प्लांट-आधारित मॉडल वर्ष 2036 तक बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण को नई गति देगा।
स्थानीय युवाओं के लिए स्किल और शिक्षा केंद्र
औद्योगिक विकास से पहले ही इन क्षेत्रों में उच्चस्तरीय शैक्षणिक संस्थान और स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स यहां उपलब्ध हैं और अन्य की स्थापना भी की जा रही है, ताकि स्थानीय युवाओं को उद्योग से जोड़ा जा सके और ओडिशा को कौशल संपन्न राज्य के रूप में स्थापित किया जा सके।